________________
वर्तमान प्रकरण
१२५५
जन्मकाल-१६१६ । कविताकाल-११४०। विवरण-ये महाशय हल्दी-ग्राम-निवासी त्रिपाठी थे। इन्होंने
स्फुट काव्य तथा गद्य-रचना की और बहुत-सी साहित्यसंबंधी पुस्तकें भी प्रकाशित कराई । आपने कविकीर्तिकलानिधि-नामक ग्रंथ भी रचा, जिसमें भाषा के कवियों का हाल और ग्रंथ इत्यादि जिखे । यह ग्रंथ विशेषतया शिवसिंहसरोज के आधार पर लिखा गया। आपके भाषा-प्रेम और गवेषणा आदरणीय थे।
थोड़े दिन हुए आपका देहावसान हो गया। परभात लौं केलि करी ललना बगरे कच ऐंडिन जौं छहरै ; रसरातो उनींदी भई अँखियाँ रद लागे कपोलन मैं छहरें । दरकी अंगिया में उरोज बसें बट तापै अजान परी लहरै ; मनौ केसरि कुंभ के शृंग पै सुंदर सॉपिनि के चेटुवा विहरौं ।
(२३५७ ) रामकृष्ण वर्मा। इनका जन्म संवत् १६१६ में, काशीपुरी में, हुआ था। इनके पिता हीरालाल खत्री थे । रामकृष्णजी ने बी० ए० तक पढ़ा था; पर आप उस परीक्षा में उत्तीर्ण न हो सके। ये गद्य और पद्य दोनों के लेखक थे। इन्होंने ११४० में भारतजीवन पत्र निकाला। इनके भारतजीवन-प्रेस में कविता के अच्छे-अच्छे ग्रंथ छपे, पर ये उनका मूल्य अधिक रखते थे । नाटकों की भी रचना इन्होंने की है। इनका शरीर-पात संवत् १९६३ में हो गया । इनके रचित तथा अनुवादित ग्रंथ ये हैं
(१) कृष्णकुमारी नाटक, (२) पद्मावती नाटक, (३) वीर नारी, (४) अकबर उपन्यास, प्रथम भाग, (५) अमलावृत्तांतमाला, (६) कथासरित्सागर, १२ भाग अपूर्ण, (७) कांस्टेबुल