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मिश्रबंधु-विनोद विवरण-ये भरतपूर के महाराज जसवतसिंह के धा भाई थे और
संवत् १९४५ में इनका स्वर्गवास हुआ ।
(२३५४) दुर्गाप्रसाद मिश्र पंडित इनका जन्म संवत् १६१६ में, रियासत कश्मीर में, हुआ था । ये महाशय संस्कृत, हिंदी और बँगला में परमप्रवीण थे, और अँगरेज़ी भी जानते थे । जीविकार्थं ये सकुटुंब कलकत्ते में रहते थे। इन्होंने कई पत्र चलाए तथा संपादित किए । प्रसिद्ध पत्र भारतमित्र इन्हीं का चलाया हुआ है । इसके अतिरिक्त सारसुधानिधि, उचितवक्ता और मारवाड़ीबंधु-नामक पत्र भी इन्होंने चलाए । इन्होंने २०-२२ पुस्तकें अनुवाद आदि मिलाकर लिखीं। इनका स्वर्गवास १९६७ में हो गया । ये महाशय हिंदी के परमोत्तम लेखकों में से थे । नाम-( २३५५ ) मातादीन द्विवेदी (हरिदास ), गजपूर
.. गोरखपूर । रचना-स्फुट काव्य, २०० छंद । जन्मकाल-१९११ । रचनाकाल-१६४०। 'विवरण-कविता सरस है।
उदाहरणटेसू पजासन औ कचनार अनार की बार अंगार लखायगो; तापर पौन प्रसंगन ते रज के कन धूम के धार सो छायगो। त्यों ही कछारन मैं सरसों के प्रसूनन पै जरदी दरसायगो; हाय दई हरिदास न पाए बसंत बिसासो कसाई सो श्रायगो । नाम-(२३५६) नकछेदो तेवारी ( उपनाम अजान कवि) ग्रंथ-(१) कविकीर्तिकलानिधि, ( २ ) मनोजमंजरीसंग्रह,
(३) भँडौमासंग्रह, (४) वीरोल्लास, (५) खड्गावली, (६) होरीगुलाल, (७) लछिराम की जीवनी ।