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________________ वर्तमान प्रकरण १२२३ इनकी कविता प्रशंसनीय है । इनकी गणना तोष की श्रेणी में की जाती है । उदाहरण घूमत घटा से घनघोर से घुमँड़ घोख, उमड़त आए कमठान तैं अधीर से ; चपट चपेट चरखीन की चलाचल तैं, धूरि धूम धूसत धकात बलि बीर से । मसत मतंग रामसिंह महिपालजू के, डाकिन डराए मदद्दाकिनी छकीर से ; साजे साँटमारन अखारन के जैतवार, आरन के अचल पहारन के पीर से । नाम – ( २३५२ ) राव अमान । - ग्रंथ - ( १ ) लाल बाबा - चरित्र, (२) लालचरित्र, (१) महाराज तनतसिंहजी की कविता, ( ४ ) महाराज तव्रतसिंहजी का जस । कविताकाल - १६३६ तक | विवरण - इनकी रचना देखने में नहीं आई । ( २३५३ ) कालीप्रसाद त्रिवेदी ये बनारसवाले हैं। इनका रचनाकाल १६४० के लगभग P आपने भाषा -रामायण और सीय-स्वयंवर के अतिरिक्त अनेक मदरसो की पुस्तकें रचीं । नाम - ( २३५३) गुलाबसिंह धाऊजी । जन्मकाल -१८७८ । कविताकाल - १६४० । ग्रंथ - प्रेमसतसई, कात्तिकमाहात्म्य, फुटकर छप्पय, फुटकर पद, हितकल्पद्रुम, सामुद्रिकसार ।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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