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वर्तमान प्रकरण
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इनकी कविता प्रशंसनीय है । इनकी गणना तोष की श्रेणी में की जाती है ।
उदाहरण
घूमत घटा से घनघोर से घुमँड़ घोख,
उमड़त आए कमठान तैं अधीर से ; चपट चपेट चरखीन की चलाचल तैं,
धूरि धूम धूसत धकात बलि बीर से । मसत मतंग रामसिंह महिपालजू के,
डाकिन डराए मदद्दाकिनी छकीर से ; साजे साँटमारन अखारन के जैतवार,
आरन के अचल पहारन के पीर से । नाम – ( २३५२ ) राव अमान ।
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ग्रंथ - ( १ ) लाल बाबा - चरित्र, (२) लालचरित्र, (१) महाराज तनतसिंहजी की कविता, ( ४ ) महाराज तव्रतसिंहजी का जस ।
कविताकाल - १६३६ तक |
विवरण - इनकी रचना देखने में नहीं आई ।
( २३५३ ) कालीप्रसाद त्रिवेदी
ये बनारसवाले हैं। इनका रचनाकाल १६४० के लगभग
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आपने भाषा -रामायण और सीय-स्वयंवर के अतिरिक्त अनेक मदरसो की पुस्तकें रचीं ।
नाम - ( २३५३) गुलाबसिंह धाऊजी ।
जन्मकाल -१८७८ ।
कविताकाल - १६४० ।
ग्रंथ - प्रेमसतसई, कात्तिकमाहात्म्य, फुटकर छप्पय, फुटकर पद, हितकल्पद्रुम, सामुद्रिकसार ।