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नीतिशास्त्र के इतिहास की रूपरेखा/ 87 की विरोधाभास युक्त अवस्थाओं में से किसी को भी ईमानदारीपूर्वक सरलता से वस्तुतः स्वीकार नहीं कर सकी थी। रोम का दर्शन (रोम में दर्शन का विकास)
___ग्रीक-रोमन सभ्यता के इतिहास में हेलेनिक दर्शन का हेलेनिकवाद के अन्य तथ्यों के साथ प्रवेश एक युगान्तकारी परिवर्तन था, लेकिन नैतिक सिद्धांत के विकास में इसका महत्व गौण ही था, क्योंकि ग्रीक दार्शनिक के सिद्धांतों की प्रमुख धाराओं के प्रति सम्मान का भाव रखते हुए भी रोमन जनता ने ग्रीक दार्शनिकों के शिष्यत्व को कभी स्वीकार नहीं किया। वस्तुतः रोमन प्रज्ञा में दर्शन के प्रति एक अनिच्छा की भावना एवं नए विचारों को बहिष्कृत करने की प्रवृत्ति परिलक्षित होती है। 161 ई.पू. सीनेट ने नियम बनाकर दार्शनिकों एवं साहित्य शास्त्रियों का रोम में निवास करना वर्जित कर दिया था और इसके छ: वर्ष बाद भी प्लूटार्च ने दार्शनिक दूतावास के द्वारा बड़े केटो के मन में उत्पन्न विद्वेष भावना का वर्णन किया है, जिसके सम्बंध में मैंने पहले उल्लेख किया है, किंतु इस विरोध का प्रतिरोध नहीं हो सका। सबसे पहले इपीक्यूरियनवाद ने रोमनो में नए विचारों को प्रसार के लिए श्रोताओं एवं अनुयायियों को बटोरा। उसके कुछ समय बाद ही पेनेटिअस के द्वारा रोम में स्टोइकवाद का प्रवेश हुआ। पेनेटिअस वहां अनेक वर्ष तक रहा और उसकी स्पिओ और लेलिअस से मित्रता स्थापित हो गई। प्रथम शताब्दी के प्रारम्भ में हम वहां झिलो को अकादमी के सिद्धांतों के संशयात्मक पक्ष की शिक्षा देते हुए पाते हैं। चंक्रमण सम्प्रदाय पेरीपेटिकस का भी रोम में अभाव नहीं था, ल्यूकिटअस का काव्य रोमन साहित्य के महत्त्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। रोम के नागरिकों के एक विशेष वर्ग ने हार्दिक भावना एवं अधिक उत्साह के साथ इपीक्यूरीयनवाद का जो स्वागत किया था उसका इस ग्रंथ में विवेचन मिलता है, किंतु इपीक्यूरनवाद के परम शुभ के सुखवादी सिद्धांत की अपेक्षा भौतिक विश्व की अणुवादी व्याख्या ने ही ल्यूक्रिटिस को आकर्षित किया था, क्योंकि यह विश्व की अणुवादी व्याख्या अर्द्धमान्यताओं के भयों को समाप्त कर आत्मशांति देती
सिसरो (106 ई.पू. से 43 ई.पू.)
रोम में अकादमी एवं समन्वयवादी दृष्टिकोण का समर्थन सिसरो के द्वारा किया गया था। यदि हम नेतिक साहित्य के इतिहास का अध्ययन करते हैं तो सिसरो के ग्रंथ हमारे ध्यान का मुख्य विषय बनने का दावा करते हैं। सम्भवतया उसके ग्रंथ