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नीतिशास्त्र के इतिहास की रूपरेखा / 66
साधारण के विचारों और मानव जाति के व्यवहारों से, बौद्धिक कार्य सम्बंधी अपने दृष्टिकोण के गम्भीर अंतर के महत्व को स्थापित नहीं कर देता है। सद्गुणात्मक आचरण सम्बंधी दृष्टिकोण के लिए जिस तर्क की अपेक्षा है उसका एक ही रूप होगा। उसमें साध्य वाक्य किसी सद्गुण के विशिष्ट लक्षण की स्थापना करता है और एक या एक से अधिक पक्ष वाले वाक्य यह बताते हैं, कि लक्षण इन दी हुई परिस्थितियों के आचरण के रूप में होता है। चूंकि अरस्तू की दृष्टि में शुभाचरण के लिए यह आवश्यक है कि उसका साध्य उसी में निहित होना चाहिए और उसे (किसी अन्य साध्य के साधन के रूप में नहीं वरन् ) स्वतः साध्य के रूप में चुना जाना चाहिए, किंतु वह उसे अपनी दृष्टि से ओझल नहीं करता है कि व्यावहारिक तर्क सामान्यतया इस प्रकार का नहीं होता, अपितु व्यावहारिक तर्क में कार्य किसी बाह्य साध्य के साधन के रूप में होता है। जबकि वह विशुद्ध विमर्शात्मक जीवन की अपेक्षा व्यावहारिक जीवन या राजनीतिक जीवन की निम्नता को सिद्ध करना चाहता है, तो उस समय वह उसे व्यावहारिक या राजनीतिक जीवन के लक्षण के रूप में मानने पर बल देता है। यद्यपि सामान्य बुद्धि यह स्वीकार करती है कि सद्गुण शुभों का उत्तमांश है और निश्चय ही वह यह भी स्वीकार करता है कि व्यावहारिक बुद्धि (प्रज्ञा) का उपयोग मुख्यतः उन निम्न शुभों में होता है । मैं, जिन्हें अरस्तू ने मानवीय कल्याण की उपलब्धि के लिए उपयोगी और आवश्यक मानते हुए भी अलग कर दिया था। उसका परिणाम यह हुआ कि व्यावहारिक बुद्धि के प्रत्यय को स्पष्ट करने के प्रयास में हम निरंतर जन साधारण के विचारों, जिन्हें पूरी तरह अस्वीकार नहीं किया जा सकता है और उन आदर्श विचारों के मध्य झूलते रहते हैं, जो कि उसके नैतिक दर्शन की नींव के पत्थर के रूप में आवश्यक हैं।
संकल्प के सम्बंध में प्लेटो और अरस्तू के विचार
एक दूसरा भी पहलू है, जिसमें नैतिक कार्य और बुद्धि के संबंध के प्रश्न पर अर्थात् संकल्प की स्वतंत्रता के प्रश्न पर अरस्तू के दृष्टिकोण में आधुनिक पाठक अस्पष्टता पाता है। प्लेटो और अरस्तू दोनों के सम्बंध में यह कहा जा सकता है कि उनके मनोवैज्ञानिक विश्लेषण के निष्कर्ष इस संकल्प की स्वतंत्रता के प्रश्न पर एक विरोधी सिद्धांत की स्थापना के लिए उन्हें बाध्य करते हैं। वे भी इस बात को स्वीकार करते हैं और (अपने सिद्धांतों में) लागू भी करना चाहते हैं । निर्धारणवाद उन्हें बुराई (के उत्तर) से बचने का