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________________ नीतिशास्त्र के इतिहास की रूपरेखा / 262 सामान्य विचार के अंतर्गत लेता है, किंतु बाद के संस्करणों के अनेक अनुच्छेदों में वह सद्गुण के स्थान पर योग्यता शब्द के प्रयोग के द्वारा इस शब्द को दिए गए बल समाप्त कर देता है अथवा उनके स्थान पर वह कुछ अप्रशंसनीय गुणों को, जिन्हें साधारणतया प्रवीणता कहा जाता है, स्वीकार कर लेता है, किंतु फिर भी वह यह मानता है कि हमारे सद्गुण और प्रवीणता के आंतरिक मूल्यांकन में कुछ अंतर रहता है। 33. 34. एडमस्मिथ इस सहानुभूति को कल्पना के स्वतः प्रेरित खेल के कारण मानव प्रकृति का मौलिक तत्त्व मानता है। वस्तुतः, वह बताता है कि इस प्रकार कभी हम दूसरे के लिए ऐसे संवेग का अनुभव करते हैं, जो कि भावनाओं में होता ही नहीं है। उदाहरणार्थ- पागलों के प्रति हमारे मन में करुणा पैदा होती है, जबकि वे प्रसन्न एवं मस्त रहते हैं अथवा मृतक को ठंडी कब्र में लिटाने के लिए संवेदना प्रकट करते हैं। इसकी एडम स्मिथ के कथनों से संगति बैठा पाना विशेष रूप से कठिन है। वह अन्यत्र कहता है कि देश देश में और युग-युग में नैतिक स्थाई भाव बदलते हैं। 35. किंग्स के राज के नियम के अनुवाद में पूर्व में जोड़े गए एक अध्याय से (1731 ) 36. यह शब्द एकवचन है तथा अनुपयुक्त है, क्योंकि इसकी रचना दया, सामाजिकता तथा विद्वान् एवं गुणीजनों के प्रति आदर जैसी भावनाओं को समाहित करने हेतु की गई है, दूसरे, पशुओं में इन गुणों को स्वीकार करने का कोई आधार नहीं है। 37. हमें यह देखना होगा कि बटलर के पश्चात् जहां प्राइस और स्टेवार्ट आत्म-प्रेम के विषय का सुख या आनंद से तादात्म्य करते हैं, वहां रीड अस्पष्ट रूप से इस शुभ में पूर्णता और आनंद को अंतर्निहित मानता है, यद्यपि वह कभी-कभी आनंद और शुभ का पर्यायवाची पदों के रूप में उपयोग करता है और जिसे वह आत्म- प्रेम कहता है। 38. 39. यद्यपि वह स्पष्ट रूप से यह स्वीकार करता है कि किसी व्यक्ति की अंतरात्मा गलती कर सकती है, साथ ही, वह यह भी मानता है कि उस अंतरात्मा की गलती की अवस्था में यदि वह उस भ्रांत निर्णय के अनुसार आचरण करता है, तो वह नैतिकदृष्टि से उचित है। 40. निबंध, सक्रिय शक्तियां, खण्ड 4, अध्याय 1
SR No.032622
Book TitleNitishastra Ke Iitihas Ki Ruprekha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHenri Sizvik
PublisherPrachya Vidyapeeth
Publication Year2017
Total Pages320
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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