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________________ जैन-विभूतियाँ 77 ही, राजस्थान विद्यापीठ, उदयपुर ने आपको भारत ज्योति अलंकरण से सम्मानित किया। संवत् 2052 में आपको 'हकीम खाँ सूर' सम्मान से अलंकृत किया गया। राष्ट्रीय एकता के लिए आपके प्रयासों के आभार स्वरूप सं. 12053 में उन्हें ''इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार'' से सम्मानित किया गया। पंजाब के राजीव-लोगोंवाल ऐतिहासिक समझौते के मूल में आचार्यश्री की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। चाय को RE-4 115 114 आपकी प्रेरणा से संस्थापित "जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय'' Deemed University घोषित हो चुका है। अपने जीवनकाल में ही सं. 2051 में आपने मुनि नथमलजी को तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य पद पर प्रतिष्ठित कर दिया। सं. 2054 (सन् 1997, 23 जून) में गंगाशहर में आपने "नश्वर'' देह त्याग कर महाप्रयाण किया। EURATIONAL AIM
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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