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जैन - विभूतियाँ
11 अंग -
1. आचार चिंतामणि ( आचारांग सूत्र ) 2. समयार्थ बोधिनी ( सूत्रकृतांग )
3. सुव्याख्या ( स्थानांग )
4. भाव बोधिनी (समवायांग)
5. प्रमेय चन्द्रिका ( व्याख्या प्रज्ञप्ति) 6. अणगार धर्मामृत वर्षिणी ( ज्ञाता धर्मकथा) 7. सागर धर्म संजीविनी (उपासक दशांग ) 8. मुनि कुमुदचन्द्रिका ( अन्तकृत दशांग ) 9. अर्थबोधिनी टीका ( अनुत्तरोप पातिक दशांग ) 10. सुदर्शिनी टीका ( प्रश्न व्याकरण ) 11. विपाक चन्द्रिका ( विपाक सूत्र )
12 उपांग
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12. पीयूष वर्षिणी (औपपातिक) 13. सुबोधिनी (राज प्रश्नीय) 14. प्रमेय द्योतिका ( जीवानिगम ) 15. प्रमेय बोधिनी (प्रज्ञापना) 16. सूर्यज्ञप्ति प्रकाशिका ( सूर्य प्रज्ञप्ति) 17. चन्द्र प्रज्ञप्तिका (चन्द्र प्रज्ञप्ति) 18. प्रकाशिका व्याख्या ( जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति) 19. सुन्दर बोधिनी (निरयावलिका) 20. सुन्दर बोधिनी (पुष्पिका)
21. सुन्दर बोधिनी (पुष्प चूलिका) 22. सुन्दर बोधिनी ( वृषिण दृशांग ) 23. सुन्दर बोधिनी (कल्यावतंसिका) 24. प्रियदर्शिनी (उत्तराध्ययन)
मूल सूत्र -
25. आचारमणि मंजूषा ( दशवैकालिक)
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