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________________ जैन-विभूतियाँ 435 19. श्री डालचन्द जैन सागर (मध्यप्रदेश) के सेठ भगवानदासजी जैन के सुपुत्र श्री डालचन्दजी जैन का जन्म सन् 1928 में हुआ। सन् 1945 में आपका विवाह बैरिस्टर श्री जमुनाप्रसादजी की सुपुत्री से हुआ। छात्र जीवन से ही आप स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित रहे । स्थानीय नगरपालिका के पाँच वर्ष तक आप अध्यक्ष रहे। सन् 1967 एवं 1972 में आप काँग्रेस विधायक चुने गए। सन् 1984 में दमोहपन्ना संसदीय क्षेत्र से आप लोकसभा के सांसद चुने गए। आप मध्यप्रदेश काँग्रेस कमिटी के कोषाध्यक्ष हैं। भगवान महावीर के 2500वें निर्वाणोत्सव पर आपको उल्लेखनीय सेवाओं के लिए स्वर्णपदक से सम्मानित किया गया । 20. श्री चम्पालाल सकलेचा दान-पुण्य के आनन्द को जीवन मंत्र बनाने वाले श्री चम्पालालजी सकलेचा का जन्म सन् 1927 में बलुंदा ( राजस्थान) में हुआ। आपके पिता श्री घिसूलाल जी धर्मप्रेमी सज्जन थे। सन् 1945 में जालना (महाराष्ट्र) आकर आप वहीं बस गए। लगातार पच्चीस वर्ष तक आप स्थानीय स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष रहे। आप अखिल भारतवर्षीय श्वेताम्बर जैन कॉन्फ्रेंस के मंत्री रह चुके हैं। सभी जैन आचार्यों एवं मुनियों के आशीर्वाद से आप सदैव समाज हितकारी प्रवृत्तियों से जुड़े रहते हैं । 21. श्री शार्दूलसिंह भूतोड़िया लाडनूँ निवासी स्व. सेठ आशकरणजी भूतोड़िया के सुपुत्र शार्दूलसिंहजी ने अपने अध्यवसाय एवं सद्व्यवहार से कलकत्ता के सार्वजनिक जीवन में प्रशंसनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। कलकत्ता युनिवर्सिटी से स्नातकीय परीक्षाएँ उत्तीर्ण कर सन् 1959 में आप कलकत्ता हाईकोर्ट के एडवोकेट बने । तभी से बतौर 'टेक्स कल्सल्टेंट' आप सेवारत हैं। आप अनेक व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालन में मार्गदर्शक हैं। आपकी संचालन क्षमता के साक्षी हैं ये सार्वजनिक ट्रस्ट, जिनके आप ट्रस्टी हैं, यथा- श्री सत्यानन्दजी महापीठ, उद्बोधन ट्रस्ट, सेठ गंगाराम भूतोड़िया जन-कल्याण ट्रस्ट, श्री सच्चियाय माँ सेवा ट्रस्ट, लाडनूँ, नागरिक परिषद् एवं ओसवाल नवयुवक समिति ट्रस्ट । अभिनव भारतीय हाईस्कूल एवं संगीत श्यामला के कोषाध्यक्ष एवं राजस्थान परिषद् एवं ओसवाल नवयुवक समिति के आप मानद मंत्री हैं। सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में उच्च स्तरीय प्रतिमान स्थापित करने का श्रेय आपको ही है ।
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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