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________________ 403 जैन-विभूतियाँ साहूजी ने उद्योगों में शोधपरक आधुनिक टेक्नोलोजी का इस्तेमाल किया। सन् 1936 से 1954 के दौरान उन्होंने डच ईस्ट इन्डीज, आस्ट्रेलिया, रूस, अमरीका, जर्मनी, इंग्लैण्ड एवं यूरोप के विभिन्न प्रदेशों का दौरा किया एवं बारीकी से वहाँ के उद्योगों का निरीक्षण करने के बाद देश में सिमेंट, कागज, वनस्पति तेल, चीनी, एसबेस्टोस, जूट, रासायनिक पदार्थों, खाद, प्लाईवुड, कोयला खदानों के विभिन्न उद्योग स्थापित किये। पण्डित नेहरू ने उनकी योग्यता एवं दूरदर्शिता का सम्मान कर उन्हें राष्ट्रीय प्लानिंग कमीशन का सदस्य मनोनीत किया। वे इण्डियन चेम्बर ऑफ कामर्स, इंडियन सूगर मिल एसोसिएशन, इंडियन पेपर मिल्स एसोशिएसन, बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स, राजस्थान चेम्बर ऑफ कॉमर्स आदि संस्थानों के अध्यक्ष चुने गए। वे साहू जैन लि. रोहतास इन्डस्ट्रीज लि., देहरी रोहतास लाईंट रेलवे लि. आदि कॉरपोरेट संस्थानों के चेयरमैन थे। सर्वप्रथम सन् 1929 में हस्तिनापुर में हुए अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवक सम्मेलन में साहूजी एक साधारण सदस्य की तरह शामिल हुए। फिर सन 1940 के लखनऊ में संयोजित दिगम्बर जैन परिषद् के वार्षिक अधिवेशन में वे सपत्नीक शामिल हुए। उस वक्त तक जैन समाज उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानने लगा था। समाज की तात्कालीन समस्याओं, यथा-विधवा विवाह, अन्तर्जातीय विवाह, दहेज निवारण आदि के समाधान खोजने में साहूजी ने समाज का मार्गदर्शन किया। समस्त जैन सम्प्रदायों की एकता के लिए प्रयासरत भारत जैन महामण्डल जैसी सर्वमान्य संस्था के भी वे कर्णधार बन गए। शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों एवं जनहितकारिणी प्रवृत्तियों के लिए उन्होंने मुक्त हस्त अवदान दिये। साहूजी द्वारा संस्थापित जन-हितकारी संस्थाओं एवं प्रवृत्तियों की सूची बहुत लम्बी है। इनकी शुरुआत साहूजी के बचपन में ही सन् 1921 में परिवार द्वारा संस्थापित नजीबाबाद के मूर्तिदेवी कन्या विद्यालय से हुई। सन् 1944 में भारतीय ज्ञानपीठ की स्थापना हुई एवं मूर्तिदेवी ग्रंथमाला का प्रारम्भ हुआ। श्रीमती रमा रानी इस संस्थान की ट्रस्टी थी। इन संस्थानों से उच्च कोटि का प्राचीन एवं अर्वाचीन साहित्य संस्कृत, हिन्दी, प्राकृत,
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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