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________________ जैन - विभूतियाँ से साफ इन्कार हो गया। तीनों भाइयों को बहुत बुरा लगा। उन्होंने तुरंत नौकरी छोड़ दी और निजी व्यवसाय करने का संकल्प किया । 350 सन् 1914 में मात्र एक सौ रुपये की पूँजी से "ढ़ढ़ा एण्ड कम्पनी' नाम का अपना ड्रग स्टोर खोला । दूकान चल निकली। सन् 1920 तक उसकी दैनिक बिक्री आठ हजार तक होने लगी। जल्दी ही उन्हें विदेशी कम्पनियों की दवाइयों की एजेन्सी भी मिल गई । कुछ समय बाद ही लालचन्द के दोनों भाई काल-कवलित हो गए। परिवार एवं व्यवसाय का सारा भार तरुण लालचन्द के कंधों पर आ पड़ा । सन् 1930 में लालचन्द ने एकाकी हो जाने एवं कार्यभार कम करने के ख्याल से दूकान एक छोटी जगह पर स्थानान्तरित कर ली। यही उनके लिए मंत्र वरदान सिद्ध हुआ। 'प्रामाणिक दवा और वाजिब कीमत' का उनका मूल कारगर साबित हुआ। उनका कारोबार दिन दूना रात चौगुना बढ़ा । दूकान की शाखाएँ, प्रशाखाएँ खुली। द्वितीय विश्व महायुद्ध के समय जर्मनी को मित्र राष्ट्रों का दुश्मन घोषित कर दिया गया था । मद्रास में दवाइयों के सर्वप्रमुख विक्रेता जर्मनी की Bayer & Company थे । लालचन्दजी ने कोड़ियों के मोल Bayer का सारा स्टॉक खरीद लिया। युद्ध के समय Vital drugs की कमी हो जाने से ढ़ढ़ा एण्ड कम्पनी का कारोबार बहुत बढ़ गया। मद्रास में 'अखिल भारतवर्षीय केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट फेडरेशन' स्थापित करने का श्रेय लालचन्दजी को है । सन् 1922 में ढढ़ा एण्ड कम्पनी ने आवश्यक दवाओं के भारत में निर्माण की शुरुआत की। बड़ी-बड़ी विदेशी कम्पनियों के साथ अनुबंध कर वे इस क्षेत्र में अग्रगण्य हो गये। सन् 1968 में उन्होंने अस्पतालों में काम आने वाली अन्य सामग्रियों का निर्माण शुरु कर दिया। - सम्पत्ति अर्जन के साथ-साथ लालचन्दजी में सामाजिक सहकार की भावना भी विकसित हुई। उन्होंने अपनी फर्म के स्वर्ण जयंती अवसर पर एक ट्रस्ट की स्थापना की। इस ट्रस्ट की आय से अनेक जन हितकारी प्रवृत्तियों का संचालन होता है । मद्रास की प्रसिद्ध सेवाभावी संस्था "जैन मेडिकल रिलीफ सोसाईटी' की स्थापना का श्रेय लालचन्दजी को ही है। यह संस्था नगर में अनेक दवा -1 - वितरक केन्द्रों का संचालन करती है।
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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