________________
346
जैन-विभूतियाँ कम्पनी की साठ से अधिक शाखाएँ हैं। विदेशों में भी इस कम्पनी की बड़ी साख है।
सेठ बालचन्द बहुत दयालु और मिलनसार थे। समाज हितकारी प्रवृत्तियों के लिए उन्होंने अनेक आर्थिक अवदान दिए। इण्डियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के आप सभापति रहे। सन् 1953 में आपका देहावसान हुआ।