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________________ जैन - विभूतियाँ आप जैन समाज की फिरका परस्ती पर बराबर चोट करते रहे । आपने अपने को सदैव परमात्मा के सत्पथ का यात्री बताते हुए उद्घोषणा की - 'न मैं जैन हूँ, न बौद्ध, न वैष्णव, न शैव, न हिन्दू, न मुसलमान ।' शान्ति की खोज सबसे पहले अपने मन में होनी चाहिए, आपने वर्ण व्यवस्था को कर्त्तव्यगत बताते हुए हरिजनोद्धार के लिए अनेक कार्य किये। आचार्य विजयानन्द जी सूरि के अन्तिम आदेशानुसार आपने शिक्षा प्रसार को अपना मिशन बना लिया। आपने भारत के विभिन्न भागों में 2 जैन गुरुकुल, 7 जैन विद्यालय / डिग्री कॉलेज, 7 पाठशालाएँ एवं अनेक पुस्तकालय एवं वाचनालय स्थापित करवाए । स्त्री शिक्षा के आप प्रबल समर्थक थे। राष्ट्रपिता गान्धी के अहिंसा प्रचार एवं स्वदेशी आन्दोलन को बराबर प्रोत्साहन देते रहे। राष्ट्रीय नेताओं में आपका बड़ा सम्मान था। पंजाब में राष्ट्रीय आन्दोलन एवं खादी को लाकेप्रिय बनाने में आपका प्रमुख हाथ था। आपके समुदाय के साधु-साध्वी खादी के वस्त्र पहनने लगे। एक बार अंबाला शहर में एक सभा में आपकी भेंट पं. मोतीलाल नेहरु से हो गई । वे विदेशी चुरुट पीने के आदी थे। आचार्य जी ने बड़े प्रेम से उन्हें टोका । पण्डित जी ने तत्काल विदेशी चुरुट को तिलांजलि दे दी। उन्होंने आचार्यजी के इस चमत्कार को सार्वजनिक सभा में स्वीकारा एवं प्रशंसा की । बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में पं. मदन मोहन मालवीय को प्रेरित कर जैन चेयर स्थापित करवा कर वहाँ प्रज्ञाचक्षु पं. सुखलाल जी सिंघवी की नियुक्ति करवाने का श्रेय आपको ही है। पाकिस्तान बनने के समय आप गुजरानवाला में थे, जहाँ के मुसलमानों ने उपाश्रय पर बम फेंका, पर कहते हैं उसका विस्फोट नहीं हुआ । बम फेंकने वाला अपने ही साथी की गोली से मारा गया। मुस्लिम जनता ने इसे करिश्मा मानकर पूरी हिफाजत से आपको पूरे श्वेताम्बर एवं स्थानकवासी जैनसंघ के साथ हिन्दुस्तान पहुँचाया। आपके साथ इस काफिले में आने वालों में सुप्रसिद्ध आगमविद् स्थानकवासी संत अमोलक ऋषि भी थे। I 15 आपने अनेक राजा-महाराजा एवं राष्ट्रीय नेताओं को प्रतिबोधित किया। अनेक तीर्थ यात्राएँ की । आपने अनेक प्राचीन जैन मन्दिरों का
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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