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जैन-विभूतियाँ श्री नाहर खेल-कूद में भी काफी रूचि रखते थे। आप 1952 में हेलसिंकी में हुई ओलम्पिक प्रतियोगिताओं में भारतीय बोक्सिंग दल के मैनेजर बने। आप राजस्थान स्पोर्टिंग क्लब, युनियन क्लब एवं जिमनेजियम क्लब कलकत्ता के प्रेसिडेन्ट रहे।
आपने धार्मिक तीर्थों के प्रबंध एवं विवाद सुलझाने में मदद दी। आप पावापुरी तीर्थ के प्रबन्ध ट्रस्टी रहे। श्री नाहर सन् 1977 में बिहार स्टेट बोर्ड ऑफ रिलीजियस ट्रस्ट के प्रेसिडेन्ट बने। आप कलकत्ता जैन सभा के वर्षों तक प्रेसिडेन्ट रहे।
आप जैन श्वेताम्बर पंचायती मन्दिर ट्रस्ट, कलकत्ता के भी ट्रस्टी . रहे। कलकत्ता जैन समाज के आप प्रमुख नेता थे। आपने वर्ल्ड वैजिटेरियन काँग्रेस एवं सर्व धर्म सम्मेलन के कलकत्ता अधिवेशनों में प्रमुखता से भाग लिया। आप नाहर फैमेली ट्रस्ट के आजीवन ट्रस्टी थे। श्री नाहर ने भगवान महावीर के 2500वें निर्वाण महोत्सव का बंगाल एवं बिहार में सफल संयोजन किया। आपकी धर्मप्रियता एवं श्रावक चरित्र देखकर राष्ट्रसंत मुनि नगराज जी ने आपको 'श्रावक रत्न' सम्बोधन दिया।