________________
जैन - विभूतियाँ
. 1924 में गुजरानवाला में 'श्री आत्मानन्द जैन गुरुकुल' की स्थापना कर आपकी स्मृति अक्षुण्ण बना दी ।
8
वर्तमान युग के आप ही ऐसे युगप्रधान आचार्य हुए हैं जिनकी एकमात्र प्रतिमा श्री सिद्धगिरि पर विराजमान की गयी है। आप स्वभाव से परम विनोदी एवं शास्त्रीय राग-रागनियों के जानकार थे। आपका अगाध शास्त्र ज्ञान सदैव शास्त्रार्थ में विजयश्री दिलाता रहा ।