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________________ 271 जैन-विभूतियाँ 63. डॉ. आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये (1906-1975) जन्म : सदल्ला ग्राम (बेलगाम, कर्नाटक), 1906 पिताश्री : नेमन्ना भोमन्ना शिक्षा : एम.ए., डि.लिट्. दिवंगति : 1975 भारतीय दर्शन के विश्व प्रसिद्ध विद्वान डॉ. आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये का सम्पूर्ण जीवन अध्ययन, मनन एवं सम्प्रेषण को ही समर्पित था। उनका जन्म सन् 1906 में कर्नाटक के बेलग्राम जिले के सदल्गा ग्राम के एक परम्परागत धर्मनिष्ठ परिवार में हुआ। पिताश्री नेमन्ना भोमन्ना पुरोहित वंश के होते हुए भी पेशे से खेतिहार थे। आदिनाथ की प्रारम्भिक शिक्षा सदल्गा में हुई एवं तदपुरांत बेलगाम, कोल्हापुर एवं सांगली अध्ययनरत रहकर सन् 1928 में उन्होंने स्नातकीय परीक्षा मुंबई विश्वविद्यालय से ओनार्स के साथ उत्तीर्ण की। सन् 1930 में उन्होंने अर्धमागधी एवं संस्कृत भाषाओं में एम.ए. किया। इसी समय पूना के भंडारकर ओरियंटल रिसर्च इन्स्टीट्यूट में उनका सम्पर्क अनेक प्राचीन भाषाविदों से हुआ। वे कोल्हापुर के राजाराम कालेज में अर्धमागधी भाषा के लेक्चरर नियुक्त हुए। सन् 1933 में वे पदोन्नति पाकर प्रोफसर बन गए। सन् 1939 में मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें डी.लिट्. की उपाधि से विभूषित किया गया। सन् 1962 तक वे कोल्हापुर में अध्यापनरत रहे। उन्हें प्राकृत भाषा-साहित्य में जैन-विद्या के शोध कार्यों के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा अवदान दिया गया। उन्होंने भारत की प्राय: लुप्त भाषाओं अर्धमागधी एवं प्राकृत को छात्रों में लोकप्रिय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय से भी
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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