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________________ 234 जैन-विभूतियाँ संवत् 1998 में विक्रम साराभाई डॉ. सी.वी. रमन के सान्निध्य में बंगलौर में शोध-कार्य कर रहे थे। वहीं एक नृत्य कार्यक्रम में आपका परिचय नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज की कमान सम्भालने वाली डॉ. लक्ष्मी स्वामीनाथन की छोटी बहन मृणालिनी जी से हुआ। वही परिचय प्रगाढ़ होकर संवत् 1999 में सदा-सदा के लिए दोनों को परिणय सूत्र में बाँध गया। मृणालिनी जी ने नृत्य-कला के संवर्धन हेतु "दर्पणा'' नाट्य एकेडमी की स्थापना की। डॉ. साराभाई के सहयोग से इस संस्थान ने अन्तर्राष्ट्रीय पहचान बनाई। भारत आकर वे अनेक पारिवारिक उद्योगों से जुड़े। उनके विकास में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी महत्ती उपलब्धि अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की। प्रो. के.आर. रामनाथन के सहयोग से संचालित इस अनुसंधान केन्द्र ने अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित की। डॉ. साराभाई के निर्देशन में 20 से अधिक शोधार्थी डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। संवत् 2003 में स्थापित अहमदाबाद का टेक्सटाईल उद्योग अनुसंधान केन्द्र (ए.टी.आई आर.ए.) आपके ही अध्यवसाय का फल है। वे 2013 तक उसके मानद निर्देशक रहे। आप द्वारा संस्थापित 'साराभाई केमिकल्स'' भारत के फार्मास्यूटिकाल उद्योग में अग्रणी है। दवाओं एवं रसायनों के जनोपयोग घटक तैयार करने का श्रेय इसी संस्थान को है। 'टीनोपल' नामक कपड़ों में सफेदी लाने वाला द्रव्य आपके ही सहयोगी संस्थान का उत्पाद है। भारत के फार्मास्युटिकल उद्योग में सर्वप्रथम इलोक्ट्रोनिक डाटा प्रोसेसिंग की संशोधन पद्धति लागू करने का श्रेय विक्रम साराभाई को ही है। सं. 2013 में उन्होंने भारतीय प्रबन्ध संस्थान (आई.आई.एम.), अहमदाबाद की स्थापना की। विक्रम साराभाई ने विकासमान भारत की औद्योगिक शक्ति के संचालन हेतु सुविज्ञ प्रबंधकों की आवश्यकता का अनुमान लगा लिया था। इस संस्थान ने भारत का भविष्य गढ़ने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने अहमदाबाद में 'कम्यूनिटी साइंस सेंटर' की स्थापना की, जिसका उद्देश्य विज्ञान को सामान्य जन तक पहुँचाना था। इस संस्थान ने देश की युवा-शक्ति को नई दिशा दी। तभी पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें भारत के अत्यन्त
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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