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जैन-विभूतियाँ 55. डॉ. विक्रम साराभाई (1919-1971)
जन्म : अहमदाबाद, 1919 पिताश्री : अंबालाल साराभाई माताश्री : सरला देवी पद/शिक्षा : अध्यक्ष, एटामिक इनर्जी
कमीशन, भारत सरकार उपाधि : पद्मभूषण,1966, पद्मविभूषण,
___ 1972 (मरणोपरांत) दिवंगति : थुबा, त्रिवेन्द्रम, 1971
ओसवाल कुल श्रीमाल गोत्र (दसा) के नक्षत्र एवं भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान के जनक डॉ. विक्रम साराभाई का नाम आधुनिक भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो चुका है। उन्होंने अंतरिक्ष एवं परमाणु ऊर्जा विज्ञान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्थापित कर भारत को विश्व के अग्रणी देशों की कोटि में ला खड़ा किया। स्वयं ऊर्जा के इस भण्डार से भारत के अनेक वैज्ञानिक, शैक्षणिक व अनुसंधान केन्द्र संचालित हुए।
आपका जन्म अहमदाबाद में सन् 1919 में हुआ। आप के पिताश्री अंबालाल साराभाई बड़े उद्योगपति थे। आपकी माता सरला देवी बड़ी आदर्श महिला थीं। प्रारम्भिक शिक्षा अहमदाबाद में ग्रहण करने के उपरांत आपने इंग्लैण्ड के केम्ब्रिज शिक्षण संस्थान से वि.सं. 1996 में विज्ञान की डिग्री हासिल की। तत्पश्चात् आप बंगलोर के इण्डियन इंस्टीट्यूट
ऑफ साइन्स में कास्मिक किरणों पर शोधकार्य में लगे। नोबल प्राइज विजेता सर सी.वी. रमन के निर्देशन में कार्य करने का सौभाग्य आपको प्राप्त हुआ। महायुद्ध की समाप्ति पर एक बार फिर कैम्ब्रिज लौटकर अनुसंधान कार्य प्रारम्भ किया। फलत: सं. 2004 में इसी विषय पर डाक्टरेट की उपाधि मिली।