________________
जैन- विभूतियाँ
अपने घर या झोंपड़े बनाने के लिए कई वस्तुओं पर कर नहीं देने की सुविधाएँ देना, कतिपय बड़े-बड़े उद्योग लगाना आदि सम्मिलित हैं।
169
सन् 1952 के प्रथम आम चुनाव में श्री मेहता उदयपुर से लोकसभा के सांसद निर्वाचित हुए। संभवत: वे देश में सबसे कम धनराशि (दस हजार से भी कम ) व्यय कर चुनाव जीते। संसद सदस्य के रूप में उन्होंने शिक्षा, श्रम, उद्योग, खनिज आदि मंत्रालयों की संसदीय समितियों के सदस्य के रूप में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। वे संसद की कई प्रवर समितियों के भी सक्रिय सदस्य रहे हैं। ट्रेड यूनियन एक्ट, इम्पलायज स्टेट इंश्योरन्स एक्ट आदि की संरचना व पारित कराने में भी उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। लोक लेखा समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में आपने देश के विभिन्न भागों का दौरा किया तथा राजकीय उपक्रमों को व्यवस्थित करने व विकास के सुझाव दिये ।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जिंक स्मेल्टर को बिहार ले जाना चाहते थे। बिहार में सीसे की खाने हैं और पानी भी प्रचुरता से उपलब्ध है जबकि जावर (उदयपुर) स्थित सीसा, जस्ता, खनिज क्षेत्र में पानी की कमी है। श्री मेहता ने लोक सभा में जावर में ही स्मेल्टर स्थापित करने पर दृढ़ता से बल दिया और अपने पक्ष में प्रबल तर्क दिए । अन्तत: जिंक स्मेल्टर जावर में ही स्थापित हुआ । खेतड़ी में हिन्दुस्तान कॉपर संयत्र स्थापित कराने में भी श्री मेहता का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है । श्री मेहता की प्रेरणा से ही राष्ट्रीय राजमार्ग-8 के द्वारा उदयपुर होते हुए अहमदाबाद को दिल्ली से जोड़ा गया ।
आप भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक अध्यक्ष, कस्तूरबा मातृ मन्दिर के अध्यक्ष, राजस्थान वनवासी सेवा संघ के संस्थापक मंत्री, राजस्थान भूदान यज्ञ बोर्ड के अध्यक्ष, भारत सेवक समाज, राजस्थान के अध्यक्ष, उदयपुर नगर सुधार प्रन्यास के अध्यक्ष तथा राजस्थान सर्वसेवा-संघ, भारतीय आदम जाति सेवक संघ, नाथद्वारा मन्दिर बोर्ड, राजस्थान विद्युत मण्डल आदि के सदस्य रहे ।
महाराणा प्रताप स्मारक समिति के संस्थापक प्रधान मंत्री के रूप में आपके द्वारा बनवाया गया उदयपुर में मोती मगरी पर स्थित महाराणा प्रताप