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________________ जैन- विभूतियाँ 40. श्री बिशनदास दूगड़ (1864 ) 155 : जम्मू, 1864 : लाला किशनचन्द दूगड़ जन्म पिताश्री पद / उपाधि : चीफ मिनिस्टर (कश्मीर राज्य), रायबहादुर (1911), C.I.E.(1915), C.S.I. (1920) : दिवंगत 19वीं शताब्दी में सुदूर कश्मीर में ओसवाल वंश की कीर्ति पताका फहराने वाले मेजर जनरल विशनदास दूगड़ का नाम इतिहास के पन्नों में अमर रहेगा। आपके पूर्वज सैकड़ों वर्ष पूर्व बीकानेर से सरसा जा बसे । वहाँ से कसूर 'बसे और महाराज रणजीतसिंह के समय लाहौर चले गए । सन् 1857 की क्रांति के समय ये परिवार जम्मू आकर बस गए। विशनदास जी के पितामह लाला दानामल महाराजा रणजीतसिंह की सेवा में थे। उनके पुत्र किशनचन्द जी हुए। किशनचन्दजी के दो पुत्र हुए- विशनदास और अनन्तराम। विशनदास जी का जन्म जम्मू में सन् 1864 में हुआ । अपनी प्रतिभा एवं अध्यवसाय से सन् 1886 में वे राजकीय सेवा में नियुक्त हुए । महाराज के निजी सचिव पद से तरक्की कर राज्य के गृहमंत्री एवं राजस्व मंत्री बने एवं अन्तत: कश्मीर के चीफ मिनिस्टर बनाए गए । प्रथम विश्वयुद्ध के समय ब्रिटिश सरकार की भरपूर सहायता करने के उपलक्ष में आपको रायबहादुर की उपाधि से विभूषित किया गया । सन् 1915 में सरकार ने आपको C.I.E. (केसरे हिन्द) के खिताब से सम्मानित किया एवं सन् 1920 में C. S. I. का खिताब दिया । कश्मीर के महाराज प्रतापसिंह ने राजपूत जाति एवं राज्यों की एकता के लिए आपके द्वारा किए गए प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की ।
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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