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जैन-विभूतियाँ _33. डॉ. मोहनसिंह मेहता (1895-1985)
जन्म
: 1895 पिताश्री
: जीवनसिंह मेहता पद/उपाधि : मुख्यमंत्री (मेवाड़ राज्य) भारत के राजदूत : हॉलैण्ड, पाकिस्तान,
स्वीट्जरलैण्ड भारतीय प्रतिनिधि : संयुक्त राष्ट्र संघ पद्मविभूषण : 1969 दिवंगति : 1985
शिक्षा जगत में नये कीर्तिमान संस्थापित करने वाले एवं विदेशों में भारतीय मनीषा की गरिमा का बोध कराने वाले डॉ. मोहनसिंह मेहता का जन्म संवत् 1953 (सन् 1895) में हुआ। आपके पूर्वज मेवाड़ शासन में उच्च पदासीन रहे। आपके पिता श्री जीवनसिंह उच्च शिक्षा के हामी थे। चाचा श्री जसवंतसिंहजी स्टेट के हाकिम एवं उच्चतम न्यायालय के सदस्य रहे। उनके क्रांतिकारी विचारों का मोहनसिंहजी पर बहुत प्रभाव पड़ा। बचपन से ही आदर्शवादिता उनके चरित्र की विशेषता रही। अजमेर एवं आगरा में स्नातकीय शिक्षा समाप्त कर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने एम.ए. एवं एल.एल.बी. की उपाधियाँ हासिल की और प्राध्यापक बन गये। किन्तु प्राध्यापिकी से उन्हें सन्तोष नहीं हुआ। वे युवकों के चरित्र एवं संस्कार निर्माण को प्राथमिकता देते थे। सन् 1920 में वे स्काउटकमिश्नर नियुक्त हुए। पारिवारिक कारणों से मेवाड़ आने के बाद वे कुम्भलगढ़ में जिलाधिकारी एवं उदयपुर में राजस्व अधिकारी रहे। सन् 1925 में पत्नि का देहांत हो गया। आपने जीवन पर्यंत दूसरा विवाह न करने का निश्चय किया और उच्च शिक्षार्थ लंदन चले गए।