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________________ 86 जैन-विभूतियाँ आदि चोटी के राष्ट्रीय नेताओं ने आपके ज्ञान गाम्भीर्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की। स्थानवासी सम्प्रदाय के प्रधानाचार्य आत्माराम जी महाराज आपसे बहुत प्रभावित थे। दिल्ली में वल्लभ स्मारक के निर्माणार्थ आपने अभिग्रह धारण किया एवं उसे सफलता पूर्वक अंजाम दिया। आपके प्रयत्नों से वि.सं. 2035 में प्रसिद्ध कांगड़ा तीर्थ का पुनरुद्धार हुआ। जहाँ पिछले 500 वर्षों में किसी साधु-साध्वी का कोई चातुर्मास नहीं हुआ, आपने साहस कर वह क्षेत्र पवित्र किया एवं जो मन्दिर सरकारी कब्जे में बिना सेवापूजा खण्डहर बन रहे थे, उन्हें मुक्त करवा कर सदा के लिए पूजा सेवा आरम्भ करवाई। एतदर्थ धर्म संघ ने आपको महत्तरा एवं कांगड़ा तीर्थोद्धारिका की पदवियों से विभूषित किया। KERA
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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