________________ 585 बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - 3 हम लोगोंने 'बहुरत्ना वसुंधरा' भाग-१-२ के अनेक दृष्टांत प्रवचन में प्रस्तुत किये हैं। लोगों पर ऐसे दृष्टांतों का बहुत सुंदर असर होता है। - मुनि कीर्तिरलविजय जन्म से अन्यधर्मावलम्बी होने पर भी सत्संग के द्वारा आज जैन धर्म को स्वेच्छा से संपूर्ण समर्पित हैं, ऐसे कई आराधकों के दृष्टांत 'बहुरत्ना वसुंधरा' भाग -1 में पढे जो सकल संघ के लिए आदर्श रूप हैं / आपश्री का प्रयत्न अतीव अनुमोदनीय है / - मुनि विमलविजय विविध प्रकार की अभिवचवाले धर्मजिज्ञासुओं को अपनी स्वच के अनुसार परिपक्व आराधक महानुभावों का संपर्क इस किताब के माध्यम से हो सकेगा यह निःसंदेह है। _ - मुनि आनंदघनविजय आप श्री ने एक नये ही विषय पर अति सुंदर सर्जन किया है। किताब के बहुत सारे दृष्टांत भूरि भूरि अनुमोदनीय हैं / पाठकवृंद के लिए यह किताब अतीव लाभदायी है / . - मुनि भुवनचन्द्रविजय इस पुस्तक के माध्यम से अज्ञात अनेक आराधकरत्नों की पहचान हुई और अनुमोदना के द्वारा पुण्यानुबंधी पुण्य उपार्जन करने का लाभ मिला इसके लिए हार्दिक धन्यवाद / / - मुनि अपराजितविजय पुस्तक में सख्त मेहनत करके विशिष्ट आराधकों के नाम-ठाम उम्र और जीवनचर्या प्रकाशित करके समाज के उपर महान उपकार