SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 655
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 578 बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - 3 'बहुरत्ना वसुंधरा' किताब मिली / बहुत ही प्रसन्नता हुई / स्वपर जीवन का कल्याण करनेवाली अनुमोदनीय किताब है। - - आ. विजय इन्द्रसेनसूरि 'बहुरत्ना वसुंधरा' किताब मिली / हमारे लिए बिल्कुल अज्ञात ऐसे कई श्रावकों की उत्तम आराधना की जानकारी मिलने से बहुत प्रसन्नता हुई / सचमुच श्रावकों में भी कई चीजें अनुमोदनीय होती हैं / - आ. अशोकसागरसूरि - 'बहुरत्ना वसुंधरा' किताब मिली है / अनुमोदनीय पुस्वार्थ किया हैं / अन्य भाविकों को सुंदर प्रेरणा मिलेगी / - आ. विजय अभयदेवसूरि . 'बहुरत्ना वसुंधरा' भाग -2 जैन धर्म के श्राद्धवर्य एवं श्राविकारत्नों का सुंदर संकलन है / भारतभर से ऐसे लोगों का संकलन करके उनके आदर्श प्रेरणामय एवं तपस्वी जीवन को जन जन तक पहुँचाने का जो भगीरथ कार्य आपने संपन्न किया है, उसके लिए नि:संदेह आप साधुवाद के पात्र हैं / मेरे ज्ञानमें यह पहला प्रयास है / उनके अभिनंदन का जो कार्यक्रम रखा है यह भी अभिनंदनीय है / छपाई व पुस्तक का 'गेट अप' आकर्षक है / जिनके आदर्श जीवन का आलेखन हुआ है, उनके फोटु भी प्रकाशित होते तो उत्तम रहता / - उपाध्याय वसंतविजय इस काल में जो भी भावुक आत्माएँ जैन धर्म की आराधना अच्छी तरह से करते हैं, उनकी जानकारी प्राप्त करके दूसरों को भी जानकारी मिले और वे भी अनुमोदना करें इस तरह से प्रचार का आपका प्रयास स्तुत्य है / इन आराधकों की भक्ति करने का जो
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy