________________ 494 बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - 3 दीक्षा की खदान - नाम लिया जान ??? इन जगत में अनेक प्रकार की खदानें विद्यमान हैं / आपने पत्थर - सोने- रूपे या हीरों की खदान के बारे में तो सुना होगा / किन्तु दीक्षा की खदान कहीं है ऐसा सुना है ? गुजरात में एक ऐसा गाँव आया हुआ है, जो दीक्षा की खदान के रूपमें सुप्रसिद्ध है। 80 जितने घरों की आबादी वाले उस गाँव में से 160 जितनी आत्माओं ने दीक्षा अंगीकार की है !!!... उसमें से कोई आचार्य भगवंत, उपाध्याय भगवंत, पंन्यास या गणिवर्य वगैरह बनकर जिनशासन की प्रभावना कर रहे हैं / . वहाँ प्राय: एक भी ऐसा जैन घर नहीं है, जिसमें से किसी ने . दीक्षा नहीं ली हो !... धन्य है इस गाँव की घरती को और इस गाँव की रत्नकुक्षि माताओं को कि जहाँ ऐसे संयमी रत्न पके हैं / मात्र 'दो अक्षर के इस गाँव के नाम को जिसने जान लिया, वास्तव में उसने कुछ पा लिया और जिसने अभी तक नहीं जाना उसने बिलौया केवल पानी ही !!! इस गाँव के तीन-तीन जिनालयों के दर्शन जीवन में एक बार तो अवश्य करने जैसे हैं / सपरिवार तथा सामूहिक संयम स्वीकार / / ... प्राचीन कालमें सैंकड़ों आत्माओं के एक साथ संयम स्वीकारने के जंबूस्वामी वगैरह के अनेक द्रष्टांत शास्त्रों में देखने को मिलते हैं / एक ही परिवार के सभी सदस्यों के संयम स्वीकारने के भी