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________________ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - 3 431 / भीषण कलिकाल में भी आज रहते हैं, एक धन्ना अणगार..... / / / ___'गिनेज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड' में दुनिया में सबसे ज्यादा खाने वाले और शरीर का वजन रखने वाले लोगों की महानता प्रकाशित की गयी है / वहीं शास्त्रों के सुवर्ण पन्नों पर घोर तपस्या करने वाले तथा तप संयम की साधना द्वारा शरीर एवं कर्मों का शोषण करने वाले धन्ना अणगार जैसे मुनिवरों की जीवन गाथाएँ लिखी गयी हैं / चारित्र अंगीकार करने के बाद जीवन भर छठ्ठ के पारणे आयंबिल करने का घोर अभिग्रह लेने वाले एवं कठोर संयम की साधना करने वाले धन्ना अणगारकी जीवनी को पढते ही हमारे हाथ जुड़ जाते हैं, शिर झुक जाता है और हृदय में उनके प्रति भारी अहोभाव उत्पन्न हो जाता है / उसी प्रकार वर्तमान में भी धन्नाजी के जीवन के दर्शन कराने वाले, जिनके विविध तपों की सूचि पढकर रोंगटे खड़े हो जाएँ और मुँह से आश्चर्य के उद्गार निकल जायें ऐसा घोर तप करने वाले एक आचार्य भगवंत श्री वर्तमाल कलिकाल में भी विद्यमान हैं, यह हमारे लिए आनंददायक एवं अहोभाव प्रेरक बात है। इन महापुरुष ने 27 वर्ष की भर युवावस्था में हरे भरे संसार को लात मारकर संयम का मार्ग अपनाया था / छोटी उम्र से ही मजबूत हृदय एवं सुदृढ मनवाले इस मनीषी ने संयम लेने के बाद घोर साधना का यज्ञ प्रारंभ किया / विहार हा तो आयंबिल और स्थिरता हो तो उपवास / उसके साथ संयम के योगों का सुविशुद्ध पालन, निर्दोष गोचरी का आग्रह और विशिष्ट स्वाध्याय प्रेम, ये सभी आचरण पूज्यश्री का जीवन बन गया / इन्होंने बुजुर्गों के विनय, वैयावच्च, भक्ति और आज्ञापालन द्वारा विशिष्ट गुरुकृपा प्राप्त की। पूज्यश्री आज 12 वर्ष की उम्र में भी पिछले 15 वर्ष से लगातार
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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