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बहुरत्ना वसुंधरा : भाग १
सहजता, सरलता, अंतर्मुखता और आत्मलक्षिता प्राप्त करें यही शुभभावना ।
पता : डो. प्रफुल्लभाई. बाबुभाई जनसारी,
मु. पो. मोटा आसंबीआ, ता. मांडवी कच्छ, पिन : ३७०४५५.
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डॉक्टर राधेश्याम अग्रवालकी अनुमोदनीय आराधना
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महाराष्ट्रमें धुलिया शहर के निवासी डॉ. राधेश्याम भिक्षुलाल अग्रवाल (उ. व. ५८) को पिछले कुछ वर्षों से सत्संगसे जैन धर्म का रंग लगा है । परिणाम स्वरूपमें वे हररोज नवकारसी और जिनपूजा करते हैं। चातुर्मास आदिमें जिनवाणी श्रवण का योग मिलता है तब वे अचूक लाभ लेते हैं । जैन धर्म के साहित्य को पढ़ने का उनको अत्यंत शौक है । सामायिक लेकर वे जैन धर्म संबंधी मननीय ग्रंथों का अध्ययन नियमित रूपसे करते हैं ।
डॉक्टर होते हुए भी उनको तपश्चर्या करने की अजीब सी लगन है । आज तक उन्होंने २५० एकाशन, ३०० बियासन, बीस स्थानक तप चैत्र और आसोज महिनों में नवपदजी की आयंबिल की ओली, एकांतर उपवास, आदि तपश्चर्याएँ की हैं । चातुर्मास के दौरान संघमें सामूहिक रूपमें जो भी तपश्चर्याएँ होती हैं उनमें प्रायः उनका नाम होता ही है । जीवदया आदिके सुकृतों में वे अपनी संपत्ति का यथाशक्ति सद्व्यय करते रहते हैं। उनके जीवनमें शासन प्रभावक परम तपस्वी प. पू. आ. भ श्री विजय प्रभाकरसूरीश्वरजी म.सा. आदि अनेक महापुरुषों का उपकार है । डो. राधेश्याम अग्रवालकी आराधना की हार्दिक अनुमोदना ।
पता : डो. राधेश्याम भिक्षुलाल अग्रवाल
'रामकृष्ण' बर्फ कारखानाके सामने, मु. पो. धुलिया (महाराष्ट्र) पिन : ४२४००१. फोन : ३३३७५ - ( होस्पीटल), ३२९७५ - (घर)