________________
-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - ढंढना? मेरी सासजी ने तो नवकार मंत्र का जाप करना शुरू कर दिया। मेरी समझ में नही आ रहा था कि ये क्या हो गया। सारे मोहल्ले के लोग इकट्ठे हो गये। नजदीक के रिश्तेदार आये। सब अलग-अलग दिशा में देखने गये- कोई स्टेशन पर, कोई अस्पताल में ये जानने के लिए कि कोई अकस्मात् का केस गया हो। घाटकोपर से लेकर बंबई तक के सब अस्पताल में जाकर आये। कोई किसी ज्योतिषी को पूछने गये।
घर में सब बातें हो रही थीं, कि कुछ किसी का उनसे झगड़ा तो नहीं हुआ? या कोई तनाव तो नहीं था उनको? हां पिछले 6 महिने से वे बीमार रहते थे। उन्हें प्रेसर की तकलीफ थी। हालांकि यह बीमारी उनको मानसिक चिंता की वजह से थी। हम सब उन्हें खूब समझाते, मगर उन्हें कोई तसल्ली नहीं होती। दो साल पहले वे अपनी नौकरी से रिटायर हो गये थे। कंपनी उनकी ग्रेज्युएटी की रकम कम देती थी। अपने वकील से सलाह लेकर उन्होंने कोर्ट में केस दाखिल किया। अब कोर्ट का सिलसिला तो लम्बा चलता है।कोर्ट में केस दाखिल किया यह गलत किया या सही, बस इसी चिंता में रहने लगे। ये बात सही है कि वह कई साल से महामंत्र नवकार की उपासना करते थे। कोर्ट से कोई फैसला नहीं होता था। वकील पूरे आत्मविश्वास से कहता कि, "आप चिंता मत कीजिए - यह केस आपका नहीं, मेरा है, ऐसा समझ लें और आराम से प्रभु का नाम लें।"
सब जप, तप करते थे, मगर मानसिक तनाव से हैरान थे। इसलिए फिर स्वास्थ्य अस्वस्थ रहने लगा। हम लोग उनका पूरा ध्यान रखते थे। लेकिन आज अचानक वो चले गये। हम सब मौनपूर्वक नवकार का जाप करते रहे। सब लोग मेरी चिंता करने लगे कि कहीं चिंता से मुझे अचानक अस्पताल न ले जाना पड़े।
रात को साढ़े दस बजे और वो अकेले लकड़ी के सहारे चल कर आ रहे थे। हम सब ने उन्हें सम्भाल लिया। हमारे फैमिली डॉ. भी घर पर थे। उन्होंने उनको सोने के लिए कहा। सबने मानो कुछ नहीं हुआ,
380