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- जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? व्यापारी की और से दलीलें करता रहता हूँ। कौन जाने! अधिकारी के मन में एकदम ही फेरफार हो जाता है। और व्यापारी को नुकसान न हो वैसा आदेश देता है।
ऐसा है महामंत्र नवकार का प्रभाव। किसी भी समय पूर्ण श्रद्धापूर्वक नवकार मंत्र का स्मरण करते रहने से उसकी मुश्किलें दूर हो जाती हैं।
लेखक:- श्री कांतिलाल रतनलाल वक्ता,
6,जीवाभाई एपार्टमेन्ट्स, आश्रम रोड़,
स्वस्तिक सुपर मार्केट-अहमदाबाद 380009 जेल भी महल समान बनी।। में 22 दिसम्बर, 1994 को लगभग शाम को 6 बजे फूलों के बगीचे में कामकाज करवा रहा था। वहीं समाचार मिले कि हमारे बगीचे से कुछ दूर झगड़ा हुआ है। "खुशालचन्दभाई! अभी तुम घर चले जाओ, यहां मत रहना।", ऐसी आवाज सुनाई दी। मैं भगवान का नाम लेकर तीन नवकार गिनकर घर आ गया। घर आकर बगीचे में हकीकत सुनी, वह मेरे पिताजी, मेरे भाई गुलाब तथा पत्नी मंजुला से कही। घर पर सभी निर्भय थे। वहीं तो एक घंटे बाद मेरे संबंधी नटुभाई पुलिस विभाग से समाचार लाये कि, "तुम्हारे बगीचे से थोड़े ही दूर जो चरवाहा मरा है, उसकी हत्या के आरोपी के रूप में तुम्हारा, तुम्हारे भाई गुलाब का और तुम्हारे मित्र हरिवल्लभ वगैरह के नाम लिखे हुए हैं।" मैंने भगवान का स्मरण करके, तीन नवकार गिनकर वकील से मिलने का प्रयत्न किया। वकील रात को मिला। वकील साहब ने समझाया कि, "यदि तुम्हारे एकदम गलत भी नाम लिखवाये होंगे तो भी तुम्हें कोई आदमी पुलिस से छुड़ा नहीं पायेगा।" वकील की सलाह बहुत ही स्पष्ट थी कि, 'अभी तो तुम घर छोड़कर भाग जाओ, फिर भगवान करेगा वही होगा।' बस वहां से केस की भयंकरता का ख्याल आ गया। अब अपने को इस केस से
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