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- जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ?
नवकार से अभिमन्त्रित रजोहरण का चमत्कार
थाणा जिले में वसई ( माणेकपुर) में बिजली की सप्लाई कभी खराब हो जाती है। ई. स. 1998 में डॉ. देसाई के भानजे एक ऑपरेशन अधूरा रहने के कारण पावर हाउस पर पूछने गये कि, 'लाईट कब आयेगी। पुलिस ने उसके ऊपर लाठी और बन्दूक के प्राणघातक प्रहार कर मौत की शरण में भेजा। पुलिस के अत्याचार से मृत्यु होने के बावजूद श्मशान यात्रा शान्त रही, किन्तु पुलिस ने ही युवानों को छेड़ा और दंगा हुआ। क्रुद्ध युवकों का टोला एवं पुलिस धर्मस्थानक के आगे आमने-सामने आ गये। धर्मस्थानक को मन्दिर समझकर पुलिस ने उसके ऊपर पत्थर की मार की। हो हल्ले की धड़ाधड़ से धर्मस्थानक में विराजते पू. मुनिश्री जगदीश मुनिजी नीचे आये तो पुलिस ने मुनिश्री के ऊपर भी लाठीचार्ज किया । म.सा. ने पंच परमेष्ठि की आराधना कर रजोहरण को पुलिस के ऊपर फेंका और पुलिस भाग गई। किन्तु म.सा. पर लाठी चार्ज की बात से बाहर तनाव बढ़ गया। संघ के कार्यकर्ता एवं गांव के मुख्य लोग वगैरह तुरन्त म.सा. के पास पहुंच गये। किन्तु उनको निजानन्द में मस्त देखकर वे दिविमुढ़ हो गये। सभी मुख्य लोग मिलकर पुलिस चौकी गये । पुलिस तथा वसई के नेता ताराबाई वर्तक ने पू. मुनि श्री से माफी मांगी। यह समाचार 'जन्मभूमि', 'प्रवासी' तथा 'नवशक्ति' वगैरह अखबारों में दि. 13.10.84 के दिन प्रकाशित हुए थे।
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अभयदाता श्री नवकार
दि. 18.09.1983 बकरी ईद का दिन था। घाटकोपर सांघाणी एस्टेट उपाश्रय के पास में रास्ते पर नवकार मंत्र का स्मरण करते प्रातः स्मरणीय पू. जय- माणेक प्राण तपस्वीजी महाराज के सुशिष्य निडर, स्पष्ट तथा सत्य वक्ता पू. जगदीश मुनि बकरियों के समूह के पास आकर खड़े रहे। वे वहां आगे खुल्ले में होने वाली निर्दोष बकरियों की कत्ल रोकने तथा
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