SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 241
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? पत्नी यह सुनकर बहुत आनंदित हो गई। साथ में नवकार मंत्र के प्रति भी उसकी श्रद्धा बढ़ी। नवकार महामंत्र के आराधक यह भाई तो कंकड़ों को साथ में लेकर भी निहाल हो गये! ऐसा है, यह नवकार का चमत्कार! दुर्घटना में से बचाया 10 अहमदाबाद शहर में आये हुए खानपुर संघ के दो अग्रणी भाई। | एक भूरमलजी बालाजी और दूसरे शाह हसमुखलाल मफतलाल। भूरमलजी इस संघ के प्रमुख थे। उनका एवं उनकी धर्मपत्नी पतासाबेन दोनो का वर्षीतप चल रहा था। भूरमलजी की भावना हस्तिनापुर जाकर पारणा करने की थी। उन्होंने हसमुखभाई से बात की और उन्हें साथ में बताया कि हम वहाँ से श्री सम्मेतशिखरजी की भी यात्रा कर लेंगे। हसमुखभाई को सम्मेतशिखरजी जाने की भावना थी ही, इसलिए वे तैयार हो गये। एक छोटी मेटाडोर किराए से लेकर दोनों भाइयों ने अपने परिवार के साथ में यात्रा की पूरी तैयारी कर शुभ दिन अहमदाबाद से प्रयाण किया। सं. 2040 में वैशाख सुदि-3 (अक्षय तृतीया) के दिन श्री भूरमलजी तथा श्री पतासान ने वर्षीतप का पारणा हस्तिनापुर में शांतिपूर्वक किया। पारणे के बाद आसपास के तीर्थों के दर्शन करके दोनों परिवार श्री सम्मेतशिखरजी महातीर्थ पर पहुँच गये। उन्होंने शिखर जी पहुँचने के बाद वहाँ थोड़े दिन रुककर खूब भाव से यात्राएं की। अब अहमदाबाद वापिस जाना था। भोमियाजी देव के अंतिम दर्शन करके सभी ने आगे जाने हेतु शिखरजी की धर्मशाला छोड़कर अपना सामान वगैरह मेटाडोर में व्यवस्थित रख दिया और सभी 214
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy