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- जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? दरवान वापस लौटा था, जिसने देखा कि पहली मंजिल पर अंधकार है नीचे का दरवाजा खुला हैं और ऊपर में शोरबकोर जैसी आवाज है, जरूर कुछ गड़बड़ है। तुरंत ही वह आवाज देता हुआ ऊपर आने लगा कि गुंडे सावधान हो गए। फिर भी उन्होंने उसे भी डराकर वापस भेजा न भेजा इतने में चौथा गुंडा जो कि कुछ न मिलने से स्यूटकेस के बक्से खोल रहा था, उसने और अन्य ने मिलकर तीन स्यूटकेस की चोरी की। हाथ में जापान की घड़ी थी, अमरीका की CROSS BRAND कलम थी और सौ-दो सौ की नकद रकम लेकर चारों गुंडे भागने लगे। और मुझे व्यग्र हालत में ही जमीन पर गिराकर संतोष लिया था। ___प्राण तो आबाद नवकार चमत्कार से बच गये थे, किन्तु बंधन के कारण विचित्र स्थिति का अनुभव हो रहा था। दर्द और दमन में ही कुछ समय नवकार के जाप के साथ व्यतीत किया कि तब तक वापस लौटा गुरखा लालटेन और अन्य व्यक्तियों के साथ ऊपर आया। चारों ओर अस्तव्यस्त कागजात और बिखरी वस्तुओं के बीच ही हमदर्दी के साथ मेर निकट आकर प्रथम मुंह से ढूंसे हुए कपड़े निकाले और बाद में रस्सी के बंधन से मुक्त किया। ___मैंने नवकार के साथ उसका भी उपकार महससू किया। किन्तु काय प्रहारादि से कुंठितावस्था में कुछ बेचैनी का ही अनुभव करके मौनावस्था में ही प्रत्युपकार की अभिव्यक्ति की। थोड़ी देर क बाद में जब पूर्ण होश में आ गया था, देखा कि संसारी पिताजी भी समाचार मिलते ही आ गए थे, साथ में फैमिली डॉक्टर भी थे। .
गुंडों की धमकियां होने पर भी परिवार वालों ने पुलिस | COMPLAINT दाखिल करवाई। बरसों बीत गये हैं इस घटना को किन्तु आज भी नवकार प्रभाव से प्रभावित हो अनेक समय जाप में प्रधानता उसी की रखता हूं।
नमस्कार ही एक तारणहार। जीवन में कुछ घटनाएं ऐसी घटती हैं जिसे याद कर जीवन पर्यन्त
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