________________
(37)
पृ.सं.
पृ. सं.
१३६,१३७
१७३
१७४
१७५
१७६
१७६ १७८-१८२
१४३ १४४ १४४ १४५ १४७ १४७ १४८ १४९ १५० १५२
१८७ १८७
१८८ १९४-१९९
१५२
१५२ १५३
टिप्पण सातवां उद्देशक आमुख मालिका-पद लोह-पद आभरण-पद वस्त्र-पद संचालन-पद पादपरिकर्म-पद कायपरिकर्म-पद व्रणपरिकर्म-पद गंडादिपरिकर्म-पद कृमि-पद नखशिखा-पद दीर्घरोम-पद दंत-पद
ओष्ठ-पद दीर्घरोम-पद अक्षिपत्र-पद अक्षि -पद दीर्घरोम-पद मलनिर्हरण-पद शीर्षद्वारिका-पद पृथिवी-पद दारु-पद अंकादि-पद आगंतागार आदि-पद चिकित्सा-पद पुद्गलों का अपहरण-उपहरण-पद पशु-पक्षी-पद दान-प्रत्येषण (ग्रहण) पद स्वाध्याय-पद
आकारकरण-पद टिप्पण आठवां उद्देशक आमुख
अकेला एकाकी स्त्री के साथ-पद स्त्रीमध्यगत का अपरिमाणकथा-पद निर्ग्रन्थी के साथ-पद अन्तः उपाश्रय-पद मूर्धाभिषिक्त-पद टिप्पण नौवां उद्देशक आमुख राजपिण्ड-पद राजान्तःपुर-पद मूर्धाभिषिक्त-पद टिप्पण दसवां उद्देशक आमुख परुषवचन-पद अननन्तकायसंयुक्त-पद आधाकर्म-पद निमित्त-पद शैक्ष-पद दिशा-पद आदेश-पद साधिकरण-पद उद्घातिक-अनुद्घातिक-पद रात्रिभोजन-पद उद्गार-पद ग्लान-पद विहार-पद पर्युषणा-पद टिप्पण ग्यारहवां उद्देशक
१५४
१५५ १५६
२०६
१५७
२०६ २०६
१५७ १५७ १५८
१५९ १५९
० ० ०NG
१५९ १५९
२१० २१०
२११ २१२-२२०
१६०
आमुख
१६० १६१ १६२
१६२ १६३-१६८
पात्र-पद पात्रबन्धन-पद अर्धयोजनमर्यादा-पद धर्म-अवर्ण-पद अधर्म-वर्ण-पद
२२५ २२६ २२७ २२७ २२७