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पृ. सं.
पृ. सं.
२२७
२२८
सलोमचर्म-पद परवस्त्राच्छादितपीठ-पद निर्ग्रन्थी-संघाटी-पद स्थावरकाय-समारंभ-पद वृक्षारोहण-पद
२५३ २५४ २५४
२२९
२३०
२५४
२३२
२५४ २५५
गृही-पद
२३२ २३३
२५५
२३४ २३५ २३५
२५५ २५८ २५८
२५९
२३५
२३६ २३७
२५९ २६० २६०
२६० २६२-२६९
२३७
पादपरिकर्म-पद कायपरिकर्म-पद व्रणपरिकर्म-पद गंडादिपरिकर्म-पद कृमि-पद नखशिखा-पद दीर्घरोम-पद दंत-पद
ओष्ठ-पद दीर्घरोम-पद अक्षिपत्र-पद अक्षि-पद दीर्घरोम-पद शीर्षद्वारिका-पद भयोत्पादन-पद विस्मापन (विस्मयकरण)-पद विपर्यास-पद मुखवर्ण-पद वैराज्य-विरुद्धराज्य-पद दिवाभोजन-अवर्ण-पद रात्रिभोजन-वर्ण-पद दिवारात्रि-भोजन-पद परिवासित-पद संखडी-पद निवेदन (नैवेद्य)-पिण्ड यथाच्छन्द-पद अनल-पद सचेल-अचेल-पद परिवासित-पद बालमरण-पद टिप्पण बारहवां उद्देशक आमुख कारुण्यप्रतिज्ञा-पद प्रत्याख्यान-भंग-पद परित्तकायसंयुक्त-पद
२७५ २७६
२७६
२३८ २३७ २३८ २३८ २३८ २३८ २३९ २३९ २४० २४० २४०
पुरःकर्म-पद चक्षुदर्शनप्रतिज्ञा-पद रूपासक्ति-पद कालातिक्रान्त-पद मार्गातिक्रान्त-पद गोमय-पद आलेपनजात-पद उपधिवाहन-पद महानदी-पद टिप्पण तेरहवां उद्देशक आमुख पृथिवी-पद दारु-पद अन्तरिक्षजात-पद अन्यतीर्थिक-अगारस्थित-पद आत्मदर्शन-पद चिकित्सा-पद पार्श्वस्थादि-वंदन-प्रशंसन-पद पिण्ड-पद टिप्पण चौदहवां उद्देशक आमुख प्रतिग्रह-पद टिप्पण पन्द्रहवां उद्देशक आमुख परुष वचन-पद आम्र-पद पादपरिकर्म-पद
२७७ २७९ २७९
२८०
२८२ २८४-२९१
२४१
२४१ २४२-२४८
२७७ ३०४-३०७
२५३
३१३
२५३
३१४ ३१४
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