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वरंगचरिउ घत्ता- ता दूवइ दिण्णउ, लेहु तहो वाइवि महियलि मुक्कउ।
___ सो इंदसेणु माणसु कवणु मग्गइ हत्थि गुरुक्कउ ।। खंडयं- तो हउ देमि गयेंदयं,13 णियरव तासिय दिग्गयं । जइ महु केर समिच्छए अवरु विआण पडिच्छए"THEII
10 इय' वयणु सुणिवि पुणु दूव वुत्तु
भो भो णिवपइ जंपिउ अजुत्तु । सो पंचाणणु तहु वारणिंदु सो पविसमु तुहु पुहवी हरेंदु। पइ जलण जाल सो वारिबाहु तुह पुहवी तुह सो सरिपवाहु । मा करहि णिरत्थउ कोहु राय पाविज्जइ पोरिस समरत्थाय। मयगलु अप्पंतह संति होइ
ण तो समरंगणु करइ सोइ। जच्चंतह अप्पिज्जइ सुवत्थ
णउ पाविज्जइ मरणहो अवत्थ। इय वयणु सुणिवि कोहें पलित्तु णं केण हुयासुघएण सित्तु। जज्जाहि दूय रे रे णिलज्ज णियसामियपोरिसु लवहि अज्ज । किं मारमि पइ घरि बलविहीणु दूउ वि णउ घायउ कहिमि दीणु। णउ अप्पमि वारणु तुज्झ राय जइ वढइ बलु ते लेहु आय। गउ दूव सुणिवि इय वयण भाउ जहि सुरवइ सेणुवइ वु राउ। जइ वि सिरु लाइवि धरयलेण पणविउ जुय कय करयंजलेण। भो देव ण मण्णइ आण तुज्झ सो दुग्गाहिउ साहण असज्झ। णउ अप्पइ मयगलु मय समाणु मय मोहें अप्पंतह समाणु। जो पड़ रुच्चई सो करि णिराय तुहं खग्गि वसइ जयसिरि सुछाय। इय गिरणि सुणेप्पिणु' भणइ राउ मइ अग्गइ परणिव को वराउ। अहिमाणे अइ मणि धरिवि कोहु आहूय वि मंतिय पुणु वि जोहु। संगाम तूर दाविय तुरंतु
पुण जायउ कोऊहल महंतु। सज्जिय हरि करि जपाण जाण कवय वि सज्जिय कय अंग ताण । वर रहवर सज्जिय पुणु वयल्ल जे भारु वहहि धरंधुर महल्ल।
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13. A, K,N, गयदयं 14. A, K,N, पडिच्छइ 1. A, इयं 2. K, तुहं 3. K, मोहे 4. N, पइ 5. A, K, तुच्चइ 6. A, K,N, तहुं 7.A, K,N, णिसुणेपिणु 8. K, अहियाणे