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वरंगचरिउ जिणपय वि ण रक्खइ अवरु" कोवि, विहि रइयउ होसइ पुणु वि तोवि। इय? चिंतिवि अणसणु दुविह" किद्ध, लिय पंचणमोयारइ पसिद्ध । पुणु कह व कह व तमुगलिभाणु उवयायलि ठिउ णं परमणाणु।
सरसर वियसिय पयरुह समूह णहयलि धाविय णहयरइ जूह। घत्ता- वरपालि रवण्णउ', तरुयहं छण्णउ", सरवरु इक्कु विसालउ । तहि पत्तउ वारणु, णं गिरिदारणु, रयणुज्जल सामालउ ।।२१।।
22 पयंडु वि तुंग भयावणु सद्दु वरंगहो पुण्णु सुणावइ भद्दु' । सुपिक्खिवि सिंधु- मयंदउ कुटु सुतिरवणहग्ग पलासण लुद्भु। पुणो विज्झडप्पय मिल्लइ जाम मयारिउ चूरिउ दंतहि ताम। सुपिक्खहु-पिक्खहु धम्मपयाउ गयंदि वियारिउ सावयराउ। जु धम्महो अग्गलु माणउ होइ वियारि ण सक्कइ सत्तु वि कोइ। वरंगु वि चिंतइ हउं सकयत्थु करेंदइ फेडिय एह अवत्थु। अरण्णि वसंत° अयंभउ दिनु गइंदि णिवारिउ सिंघ अणिट्ठ। पमण्णमि एहु करेंदु ण होइ
परायउ णिज्जरु पुण्णही जोइ। जयम्मि जु दीसइ वत्थरवण्ण सुणंदण णारि विचित्त सुवण्ण। सुजोव्वणु रुवसुवण्ण सुअंगु
सुवंधव गेहु मुणिंदह संगु। सुचीरु सुभोयणु देसु णरेंदु दिणिंदु धणिंदु सुइंदु पडिंदु। इयाइ वि सव्व पयत्थह लद्धि सुकित्तहो पावइ अण्णु वि सिद्धि । वियारिवि एम विहिज्जइ धम्मु जिणिंदहो' केरउ अप्पइ सम्मु । घत्ता- एवहि वय रक्खणु करमि सुलक्खणु वरसमत्तभारु वहमि।
सिवउरि पाविज्जइ कम्म डहिज्जइ अप्प तेययालउ लहमि।।२२ ।। इयवरंगचरिय' पंडियसिरितेयपालविरइए ।मुणिसुविसालकित्ति-सुपसाए' वरंगपएसगमणोणामपढमोसंधीसमत्तो।।१।।
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____ 11.K, अवर 12. A, इयं 13. A, K, N, अणुसणु 14. A, दुविहं 15. K, कहव-हव 16. K, N, खणउ 17. K,N, छणउ18. K,सामलउ 22. 1. A,भदु 2. K,सिंघु 3. A,K,N,सुतिखणहग्ग 4.A, K, N,लुद्ध 5. K,तम 6.K,वंसत 7. K,
पुणहं 8. K, पयछह A,पयत्थहं 9. A, K,N, जिणिदहो प्रशस्ति-1. K,चरिये 2. K,सुपासाए