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आचार्य श्री भट्ट अकलंकदेव विरचित
स्वरूप-सम्बोधन
परिशीलन
अनन्त सुख
नन्त सुख
अनन्त
अनन्त सुख
नन्तसुर
मन्त दर्शन मन्त दर्शन
अन्त दर्शन
s polo
अनन्त ज्ञान अनन्तज्ञा अनन्त
अनन्त
अनन्त
तज्ञान तज्ञान
गन्तवीर्य अनन्त वीर्य अनन्तवीय अनन्तवीय
आचार्य विशुद्धसागर