SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 282
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वह बड़ी उतावली से अपने प्रश्न का उत्तर पाना चाहता है। (४८) वह दहाड़ने का मिष लेकर पूछ रहा था कि करुणामय, वीतराग, निरामय गणपति अपने संघ के साथ कहां है, प्रश्न का उत्तर नहीं मिला तो वह केसरी सिंह पुनः ठहर-ठहर कर दहाड़ने लगा। (४६) सिंह की दहाड़ सुनकर रक्षकों ने अपनी बन्दूकें हाथ में लीं और उनमें बहुत मात्रा में बारूद भर दी। उनके छर्रे छनछनाहट करते हुए उछलने लगे। इस वातावरण में भी मुनिपति तटस्थ विराजमान थे। उनकी उपासना में समवेत मानव वर्ग भी तटस्थ था। (५०) मृगराज ने यह सतोली आवाज (बन्दूकों की तेज आवाज) सुनकर अपने सिर को धुना और मौन हो गया। रचनाकार इस शुभ छन्द का प्रयोग कर प्रतिज्ञा के साथ कह रहा है कि मुनिपति मोती की माला जैसे अमूल्य हैं। २१. महाराणा प्रतापसिंहजी के वंशज फतेहसिंहजी के बारे में प्रचलित एक सवैया इस प्रकार है शस्त्र समस्त में बाही सजावट मेनत में मजबूत मता को, टेढ़ि जगां चढ़वे में टटोरल्यो थाके नहिं फिरता-फिरता को। शिकार के नाम पहाड़ मझार निहारे सुठोर सुनेह नता को, जथारथ जान जपै 'जुगता' यह रान फता अवतार पता को।। २२. कालूगणी द्वारा शासक के लिए प्रदत्त कर्तव्यबोध का सूचक पद्य अग्रांकित है प्रथम अकल बहु होय, लोभ मन रती न राखै, भय न जबर को करै, दीन-खल दया न दाखै। शत्रुन कू उर आण शत्रु को शत्रु न जाने, मित्रन कू उर आण मित्र को मित्र न माने। आलस न करै नृप एक छिन, सबै कसर प्रभु माफ की, प्रताप बधै निश्चय कियां सात बात इंसाफ की। २३. बौद्ध दर्शन के अनुसार प्रत्येक पदार्थ प्रतिक्षण विनष्ट होता है। इस अभिमत के अनुसार उसका मुख्य सिद्धांत 'क्षणिकवाद' नाम से पहचाना जाता है। इस सिद्धान्त को प्रमाणित करने के लिए वह दृष्टांत रूप में बादलों को उपस्थित करता है। जैसे– 'यत् सत् तत् क्षणिकं यथा जलधरः' इस संसार में जो भी अस्तित्वशील पदार्थ है, वह जलधर की भांति क्षणिक है। २४. एक आचार्य परिव्रजन करते हुए राजगृही नगरी में पहुंचे। आचार्य के २८० / कालूयशोविलास-२
SR No.032430
Book TitleKaluyashovilas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
PublisherAadarsh Sahitya Sangh
Publication Year2004
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy