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________________ १३. प्रस्तुत पद्य में प्रयुक्त चार शब्द मुनि की संयम के प्रति उदासीनता और प्रमत्तता के द्योतक हैं। जो मुनि संयम में श्लथ होकर मुनि की चर्या और क्रिया में उपेक्षा के भाव बरतने लगता है, उसे इन विशेषणों से विश्लेषित किया जाता है। प्रमाद अनेक प्रकार का होता है, इसलिए उन विभिन्न अवस्थाओं को अभिव्यक्ति देने वाले भिन्न-भिन्न शब्दों का प्रयोग किया गया है अहाच्छन्न-वह मुनि यथाच्छन्द कहलाता है, जो आगम-निरपेक्ष होकर स्वच्छन्द मति से जीवन-यापन करता है और स्वच्छन्दता का प्रज्ञापन करता है। ओसन्न-वह मुनि अवसन्न कहलाता है, जो आवश्यक आदि विहित अनुष्ठान के सम्पादन में आलस्य करता है अथवा मुनि की सामाचारी के पालन में प्रमाद करता है। कुसील-वह मुनि कुशील कहलाता है, जो ज्ञानाचार, दर्शनाचार और चारित्राचार का सम्यक अनुशीलन नहीं करता अथवा जाति, कुल आदि के आधार पर आजीविका करता है। ___पासत्थ-वह मुनि पार्श्वस्थ कहलाता है, जो कारण के बिना आहृत आदि दोषपूर्ण आहार का सेवन करता है अथवा ज्ञान आदि की आराधना से बाहर रखता है। १४. वाणिज्यग्राम नामक नगर में गृहपति आनंद रहता था। वह ऐश्वर्यसंपन्न था और शहर का प्रतिष्ठित नागरिक था। एक बार वहां भगवान महावीर का आगमन हुआ। आनंद भगवान के दर्शन करने गया। भगवान का उपदेश सुन वह प्रभावित हुआ और उसने श्रावकधर्म स्वीकार कर लिया। श्रावकधर्म के मर्म को समझकर आनंद ने भगवान महावीर के सामने एक अभिग्रह (विशेष संकल्प) स्वीकार करते हुए निवेदन किया ___ 'भन्ते! मैं आज से किसी भी अन्यतीर्थिक मुनि, अन्यतीर्थिक देव और अन्यतीर्थिकों द्वारा परिगृहीत अर्हत्-चैत्य को वंदन-नमस्कार नहीं करूंगा। अपनी ओर से पहल करके अन्यतीर्थिकों के साथ बात नहीं करूंगा तथा विशेष परिस्थिति (राजा की आज्ञा, गण की आज्ञा, देव-प्रयोग आदि) के बिना उनको आहार-पानी आदि नहीं दूंगा।' निग्रंथ धर्म के प्रति गृहपति आनंद के मन में गहरी आस्था थी। भगवान महावीर के प्रति वह हृदय से समर्पित था। महाव्रत दीक्षा के प्रति उसका आकर्षण था, पर उसके लिए उसने अपनी असमर्थता व्यक्त करते हुए श्रावकधर्म की दीक्षा स्वीकार की। परिशिष्ट-१/ २७३
SR No.032430
Book TitleKaluyashovilas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
PublisherAadarsh Sahitya Sangh
Publication Year2004
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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