________________
दोहा ६. उदयचंद भाग्योदये, जोड़ायत संघात।
पन्द्रह दीक्षा में प्रथम, ललित लूणिया जात।। १०. अर्जुन नाथद्वार रो, कोठारी-सुत भाल।
मीठालाल मनोबली, बालक-भाल विशाल ।। ११. चंदेरी री सूवटां, सुता सोहनां भेंट।
भत्तू पुर-सरदार री, लिछमां पुर आमेट ।। १२. रतनी पानकंवर उभय, भगिनी पुर-सार्दूल।
गुलाबां उदियापुरी, पिता नाम शशिफूल' ।। १३. चंपा राजलदेसरी, कमलू नो र निहार।
केशर पुर पड़िहार री, चांदकंवर सुखकार ।। १४. कार्तिक कृष्णा पंचमी, मानै परम प्रमोद।
न्हावै निज आमोद में, उपशम रस रै होद।। १५. त्राणव दसमी चेत सुद, चन्देरी री बात।
हुलासां दीक्षा ग्रही, खूमांजी रै हाथ ।। १६. माजी छोगां भेजिया, सात सत्यां सुखदाय।
दे दीक्षा बीदाण में ल्याया पूज्य पसाय।। १७. गुरु-आज्ञा धनजी लही, बम्बूवाळा बैद। कृपापात्र धुर स्यूं रह्या, गुरु-करुणा अविभेद ।।
लावणी छंद १८. मा. सुद में पन्नालाल और लालांजी,
बड़नगर सुगुरु-पादाम्बुज सेवा साझी। छब्बीस बरस में सकल च्यार सौ दस है, दीक्षित शिक्षित परिलक्षित शिष्य स्ववश है। रिखि लच्छि दयादिक अहंकार अविनय स्यूं, बण टाळोकर गण-बाहर मोह-उदय स्यूं।
१. साध्वी मनोहरांजी २. फूलचंदजी ३. नोहर ४. धनराजजी बैद, लाडनूं (चक्की वाला)
उ.४, ढा.१६ / १२१