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44. (क) वही ; 1/3/66, 1/1/11-12, 2/1/13-22
(ख) नयोपदेश; श्लोक 126, धर्म्यंशे नास्तिको ह्येको, बार्हस्पत्यः प्रकीर्तितः । धर्मां नास्तिका ज्ञेया; सर्वेऽपि परतीर्थिकाः ॥
45. स्याद्वादमंजरी; श्लोक 4
46. स्याद्वादमंजरी; श्लोक 4
47. न्यायसूत्र; 4/1/19-21 48. स्थानांग वृत्ति; पत्र, 404 49. सूत्रकृतांग; 3/4/6 50. सांख्य कारिका; 9 51. सूत्रकृतांग नियुक्ति ; गा. 112
52. सूत्रकृतांग चूर्णि; पृ. 206
53. तत्त्वार्थवार्तिक भाग 2; 8/1 पृ.562
54. महापुराण पर्व; 18/61-62
55. हरिटेज ऑफ इण्डिया दी सांख्य सिस्टम, उद्धृत-पूर्व पीठिका, पृ. 319
56. (क) तत्त्वार्थ भाष्य टीका प्रस्तावना; पृ. 58
(ख) सूत्रकृतांग चूर्णि; पृ. 207
ते तु जधा पंचमहाभूतिया चतुष्भूतिया खंधमेत्तिया सुण्णवादिणो लोगायतिगा इच्चादि अकिरियावादिणो ।
57. सूत्रकृतांग;. गा.111 58. सूत्रकृतांग चूर्णि; पृ. 207 59. सूत्रकृतांग वृत्ति, पत्र; 35
60. सूत्रकृतांग वृत्ति, पत्र, 217
61. शतपथ काण्ड; 11-14
62. वैदिक वाङ्गमय का इतिहास, उद्धृत जैन साहित्य का इतिहास - पूर्वपीठिका, पृ. 320
63. तत्त्वार्थ टीका; भा. 2 पृ. 123
64. पाणिनी भाष्य; पृ. 315
65. वायु पुराण, अध्याय; 23
66. जैन साहित्य का इतिहास - पूर्वपीठिका ; पृ. 70
67. (क) पाणिनी; 4-1-81
(ख) पाणिनी भाष्य; पृ. 320
68. महाभारत, शांति पर्व; अध्याय 344
69. वै.वा.भा.1; पृ. 220
70. अथर्ववेद परिशिष्ट; 22-3
71. मत्स्य पुराण; 14-16
क्रिया की दार्शनिक पृष्ठभूमि
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