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79. तत्त्वार्थ सूत्र भाष्य; 9 / 7 भाष्य 9 80. स्थानांग; 1/16
81. उत्तराध्ययन; 30/9 82. औपपातिक; सूत्र. 19
83. उत्तराध्ययन; 30/10-11 84. (क) समवायांग; 6 / 3 (ख) भगवती; 25/7
(ग) उत्तराध्ययन; 30/8 85. (क) स्थानांग; 3 / 382 (ख) भगवती; 25/7, (ग) औपपातिक; 30
86. तत्त्वार्थसूत्र; 9/19, उत्तराध्ययन; 30 / 14, 23
87. वही; 30/15,20,21,24
88. औपपातिक; सूत्र 19
89. औपपातिक; सूत्र 19 90. मूलाराधना दर्पण; पृ. 427
91. ठाणं; 3/381
92. औपपातिक; सूत्र 19
93. उत्तराध्ययन; 30/22-24
94. समवायांग; 6/3
95. तत्त्वार्थसूत्र; 19/19
96. दशवैकालिक निर्युक्ति; गा. 47
97. ठाणं; 5/3/511 की टीका
98. औपपातिक; 30
99. भगवती; 25/7 100. मूलाराधना; 3/218 101. उत्तराध्ययन; 30/26
102. औपपातिक; 30
103. ठाणं; 9/23
णव विगतीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - खीरं, दधि, णवणीतं, सप्पिं, तेलं, गुलो, महुं
मज्जं मंसं ।
104. वही; 4/185
105. सागर धर्मामृत; 5/35 की टीका
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अहिंसा की सूक्ष्म व्याख्याः क्रिया