________________
63. (क) वही; 1/420 - 421
(ख) वही; 5/57-58 64. वही; 15/101 65. पातञ्जल योग दर्शन; 2/13 66. भगवति वृत्ति; 1/4/21 67. पातञ्जल योग दर्शन; 2/13 व्यास भाष्य पृ. 151 68. भगवती वृत्ति; 5/58
सर्वजीवानां सर्वायुः संवेदनेन सर्वभवभवनप्रसंग इति। 69. भगवती वृत्ति; 5/57 70. भगवती भाष्य; 1/342-343 71. (क) पण्णवणा; 6/114-116, (ख) तत्त्वार्थ सूत्र भाष्य; पृ. 2/51 पृ.219,
भगवती भाष्य; श.5/59-61 72. उत्तराध्ययन; 36/56 73. तत्त्वार्थ सूत्र; 2/29 74. झीणी चर्चा, ढाल 17; गा.13 75. (क) स्थानांग वृत्ति; पत्र 430 परिणाम : स्वभाव : शक्ति : धर्म इति । 75. (ख) ठाणांग, पृ. 882 76. (क) स्थानांग; 1/25-28
(ख) स्थानांग; 2/259-261, उत्तराध्ययन; 10/5-13 77. (क) जीवाजीवाभिगम; 9/212
(ख) स्थानांग; 2/259-261 78. भगवती वृत्ति; 1/106 79. वही; 1/106 80. वही; 1/106 81. वही; 1/106 82. भगवती जोड़; 2/102/18-22 83. कर्म-ग्रंथ; पंचम 6-7 220
अहिंसा की सूक्ष्म व्याख्याः क्रिया