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36. अभिधम्मत्थ संग्रह, 5 / 19, विशुद्धि मग्ग; 19/16
37. अभिधम्मत्थ संग्रह; 5/19
38. पातञ्जल योगदर्शन, 2/4
39. योग दर्शन, प्रस्तावना; पृ. 54 40. महाभारत शांतिपर्व; 181 / 16
41. प्रश्नोपनिषद् : 3/7
42. श्वेताश्वतरोपनिषद् : 5/7
43. वृहदारण्यकोपनिषद् : 4/45
44. विशुद्धिमग्गो; 17/88
45. सांख्यकारिका; 44
46. योग सूत्र 2 / 14, योग भाष्य; 2 / 12
47. न्यायमंजरी; पृ. 472
48. वृहदारण्यक; 3/2/13
49. तत्त्वार्थ सूत्र; 6/3-4
50. मनुस्मृति अ; 123
51. तत्वार्थ सूत्र; 6/19 नि:शील व्रतत्वं च सर्वेषाम् ।
52. स्थानांग; 4/628 - 629
53. पण्णवणा; 6/114-123
54. भगवती वृत्ति; 6/151
निषेकश्च कर्मपुद्गलानां प्रतिसमयमनुभवनार्थरचनेति।
55. पञ्च संग्रह (दिगम्बर), शतक गा. 395 की संस्कृत टीका; पृ. 246
56. भगवती वृत्ति; 6 / 151
57. भगवई भाष्य; श. 6 / 8, पृ. 302, 303
58. वही; 5/59
59. वही; 5/60
60. वही; 5/62
61. वही, 5/58
62. वही; 6/151
क्रिया और पुनर्जन्म
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