________________
138
अहिंसा की सूक्ष्म व्याख्या: क्रिया
नाम
कृष्णलेश्या
नील लेश्या
कापोत
तेजो
पद्म शुक्ल
वर्ण
काजल के समान
चास पक्षी की पांख
कबूतर की ग्रीवा
के समान
हिंगलु-सिंदूर के
समान रक्त
हल्दी के समान पीला
कुन्दनपुष्प, शख- पुष्प के समान सफेद
गंध
मृत गाय कलेवर
मृत कुत्ता
मृत सर्प की गंध
से अनन्त गुण अनिष्ट
सुंगधित द्रव्यों से
अनन्त गुणा सुगंध
रस
तुंबे से अनन्तगुण कटुक
त्रिकटु से अनन्त गुण तीखा
कच्ची री से अनन्त गुण
खट्टा
पक्के आम से अनन्त गुण खट्टा-मीठा
मधु से अनन्त गुणा मिष्ट
मिश्री से अनन्त गुणा मिष्ट
स्पर्श
करौत
गाय की जीभ
शाक का पत्ता से अन्त
गुणक
नवनीत
नवनीत से अनन्तगुण सुकुमार
सिरीष के पुष्प