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भरत चरित
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३६.
. बत्तीस प्रकार के नाटक करने वाले बत्तीस हजार नाटककारों से परिवृत्त हैं ।
३७. अभिषेक मंडप में प्रवेश कर अभिषेक पीठ के पास आए ।
३८. अभिषेक पीठ को तीन बार प्रदक्षिणा कर पूर्व दिशा की सीढ़ियों से ऊपर
चढ़े।
३९. वहां सिंहासन की रचना की गई थी, उस स्थान पर आकर सिंहासन पर आसीन हुए ।
४०. सिंहासन पर पूर्व दिशा की ओर मुंह कर विधिपूर्वक बैठे ।
४१. शेष सारा परिवार किस प्रकार आता है, उसे एकाग्रमना होकर सुनें ।
४२. यह राज्यारोहण का आडंबर किया पर उसमें आसक्त नहीं होंगे।
४३. समता रस से भर कर राज्य को त्याग कर इसी भव में मुक्ति में जाएंगे।