________________
भरत चरित
२११
३०. तामस गुफा में दिन सरीखा प्रकाश करता जा रहा है। उसके मध्य भाग में दो नदियां बह रही हैं।
३१. उन्मग्नजला तथा निमग्नजला नाम की ऊंडी बह रही इन नदियों का नाम यथा नाम तथा गुण प्रमाण ही है। उनका विस्तृत वर्णन है ।
३२. तामस गुफा पचास योजन पर्वत प्रमाण लंबी बारह योजन प्रमाण चौड़ी एवं आठ योजन प्रमाण ऊंची है।
३३. उसमें इक्कीस योजन चलने पर यथा नाम तथा गुण वाली उन्मग्नजला नदी आती है। वह तीन योजन चौड़ी है।
३४. वहां से दो योजन आगे चलने पर यथा नाम तथा गुण वाली निमग्नजला नदी आती है। वह भी तीन योजन चौड़ी है।
३५. उन्मग्नजला नदी अपने अंदर आने वाले हाड - कलेवर आदि को ऊपर लाकर तत्काल बाहर फैंक देती है तथा निमग्नजला उन्हें नीचे दबा देती है।
३६. बल पराक्रम तथा पुण्य के योग से छह खंड के स्वामी भरतजी इस प्रकार की गुहा नदी को उलांघकर वैताढ्य गिरि के पार जाएंगे।
३७. भरतजी ये सारे करतब जान-बूझकर कर रहे हैं। वे इसी भव में मोक्षगामी हैं। उनके घट में शुद्ध ज्ञान है ।
३८. ज्ञान से वे इन्हें खराब जानकर तत्काल छोड़ देंगे तथा शुद्ध चारित्र पालकर कर्मों का नाश कर मुक्ति में जाएंगे।