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6. सः तत्र फलं स्थापयित्वा अत्र आगतः-वह वहाँ फल रखकर यहाँ आया। 7. कृतं कर्म स्मर-किया हुआ कर्म स्मरण कर। 8. अत्र स्थित्वा कर्म कुरु नोचेत् अत्र न तिष्ठ-यहाँ रहकर कार्य कर, नहीं तो
यहाँ न ठहर। 9. यदि वरं कर्म कर्तुमिच्छसि तर्हि एव अत्र तिष्ठ-अगर श्रेष्ठ कार्य करना चाहता
है, तो ही यहाँ रह। 10. नोचेत् यत्र इच्छसि तत्र द्रुतं गच्छ-नहीं तो जहाँ चाहता है, वहाँ शीघ्र जा। 11. अहं निर्धनः अस्मि, पुस्तकं पठितुमिच्छामि'-मैं निर्धन हूँ, पुस्तक पढ़ना चाहता
12. सः मञ्चं गृहीत्वा अत्र एव आगच्छति-वह मेज़ लेकर यहीं आता है।
शब्द
आलेख्यम्-तसवीर। कस्य-किसका। तस्य-उसका।
उपविश-बैठ। उपविशति-(वह) बैठता है। उपविशसि-(तू) बैठता है। उपविशामि-बैठता हूँ। उपविश्य-बैठकर।
वाक्य 1. एतत् कस्य आलेख्यम् अस्ति-यह किसका चित्र है ? 2. सः पुरुषः श्रुतमपि न स्मरति-वह मनुष्य सुना हुआ भी नहीं स्मरण रखता। 3. त्वं तस्य व्याख्यानं शृणोषि किम्-तू उसका व्याख्यान सुनता है क्या ? 4. अत्र एव उपविश व्याख्यानं च शृणु-यहीं बैठ और व्याख्यान सुन। 5. सः तत्र एव उपविश्य सर्वं पश्यति-वह वहीं बैठकर सब कुछ देखता है। 6. कः अत्र उपविश्य आलेख्यं करोति-यहाँ बैठकर कौन तसवीर खींचता है ? 7. श्रीधरः अत्र स्थित्वा आलेख्यम् आलिखति-श्रीधर यहाँ ठहरकर चित्र खींचता
8. सः उक्तमेव' पुनः पुनः वदति-वह कहे हुए को ही बार-बार बोलता है। 9. यदि त्वम् अत्र एव उपविशसि तर्हि अहं तुभ्यं द्रव्यं दास्यामि-अगर तू यहीं ___ बैठेगा, तो मैं तुझे धन दूंगा। 10. सः किमर्थं सदा शिवालयं गच्छति-वह हमेशा मन्दिर क्यों जाता है ? 11. सः तत्र गत्वा सन्ध्यामुपास्ते', ईश्वरं च स्मरति-वह वहाँ जाकर सन्ध्या करता
84] 1. कर्तुम् इच्छसि। 2. पठितुम् इच्छामि। 3. श्रुतम् अपि। 4. उक्तम एव। 5. सन्ध्याम् उपास्ते।