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3. कुत्र अस्ति उपदेशः अद्य - कहाँ है उपदेश आज ?
4. तत्र उद्याने पण्डितः विश्वामित्रः उपदेशं दास्यति - वहाँ बाग़ में पंडित विश्वामित्र
उपदेश देंगे ।
5. न न, उद्याने उपदेशः नास्ति, शिवालये अस्ति- नहीं नहीं, बाग़ में उपदेश नहीं है, शिवालय में है ।
6. कः वर व्याख्यानं ददाति-कौन अच्छा व्याख्यान देता है ।
7. पण्डितवरः देवव्रतः एव उत्तमं व्याख्यानं ददाति - पण्डित देवव्रत ही अच्छा व्याख्यान देते हैं ।
8. व्याख्यानश्रवणाय आलस्यं त्यक्त्वा गच्छ-व्याख्यान सुनने के लिए आलस्य छोड़कर जा ।
9. प्रथमं शुद्धं जलम् आनय, पश्चाद् भोजनं कुरु- पहले शुद्ध जल ला, पीछे भोजन
कर ।
10. सः अश्वं दृष्ट्वा किं स्मरति - घोड़े को देखकर उसे क्या याद आती है ? 11. तत्र वायुः नास्ति, जलमपि नैवास्ति - वहाँ वायु नहीं है, जल भी नहीं है। 12. मन्दिरे मार्जारः नास्ति, अतः दुग्धं तत्र स्थापय - मन्दिर में बिल्ली नहीं है, इसलिए दूध वहाँ रख
13. त्वं गोदुग्धं गृहीत्वा एव शिवालयं गच्छ - तू गाय का दूध लेकर ही शिवालय
जा ।
14. सः पण्डितः कुत्र अस्ति इदानीम् -
आकारान्त स्त्रीलिंग ' प्रतिज्ञा' शब्द
- वह पण्डित कहाँ है अब ?
1. प्रथमा 2. द्वितीया
3. तृतीया
4. चतुर्थी 5. पञ्चमी
6. षष्ठी
7. सप्तमी
प्रतिज्ञा
प्रतिज्ञा को
प्रतिज्ञा से
प्रतिज्ञा के लिए
प्रतिज्ञा से
प्रतिज्ञा का
प्रतिज्ञा में
प्रतिज्ञायाम् (हे) प्रतिज्ञे
हे प्रतिज्ञा
आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के पंचमी तथा षष्ठी एकवचन के रूप एक जैसे ही होते हैं। इसलिए षष्ठी के रूप के स्थान पर (,, ) ऐसा चिह्न दिया है । इसका
1. जलम् अपि । 2. न-एव- अस्ति ।
सम्बोधन
प्रतिज्ञा
प्रतिज्ञाम्
प्रतिज्ञया
प्रतिज्ञायै
प्रतिज्ञायाः
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