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वाक्य
1. मम पादुके गृहाण तस्मै च देहि-मेरी खड़ाऊं ले और उसको दे । 2. पश्य, तत् धूम्रयानं कथं शीघ्रं गच्छति - देख, वह रेलगाड़ी कैसी जल्दी जाती है। 3. मेषः धावति परन्तु अश्वः तिष्ठति-मेढ़ा दौड़ता है, परन्तु घोड़ा खड़ा है। 4. इह इदानीं श्रीकृष्णः हवनार्थम् आगमिष्यति - यहाँ अब श्रीकृष्ण हवन के लिए आएगा ।
5. सः इदानीं सन्ध्याम् उपास्य पठनम् आरभते - वह अब सन्ध्या करके पढ़ना आरम्भ करता है ।
6. त्वं माम् अधुना किम् आज्ञापयसि - तू अब मुझे क्या आज्ञा करता है ? 7. शृणु, त्वम् इदानीं वनं न गच्छ, अत्र एव तिष्ठ - सुन, तू अब वन को न जा (और) यहीं ठहर ।
8. किं त्वं कुशलः असि इदानीम् - क्या अब तू नीरोग है ?
9. अहमिदानीं' कुशलः अस्मि - मैं अब स्वस्थ हूँ ।
10. भो मित्र ! तण्डुलाः कुत्र सन्ति - हे मित्र ! चावल कहाँ हैं ?
11. सः यथा श्रुतमस्ति' तथा एव वदति - वह जैसा सुनता है वैसा ही बोलता है । 12. यथा-यथा सः मालिन्यं त्यजति, तथा तथा शुद्धः भवति - जैसे-जैसे वह मलिनता छोड़ता है, वैसे-वैसे शुद्ध होता है ।
शब्द
कथा-कथा को ।
व्याख्यानम् - व्याख्यान को । श्रवणाय - सुनने के लिए ।
शिवालये - शिवालय में । दास्यसि - तू देगा । त्यक्त्वा - छोड़कर ।
स्थापय-रख ।
उपदेशम् - उपदेश को । पण्डितः - पंडित, विद्वान् । उद्याने- बाग़ में।
दास्यति - वह देगा ।
दास्यामि – दूंगा ।
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दृष्ट्वा - देखकर |
चल-चल, जा ।
वाक्य
1. त्वम् इदानीं कुत्र गन्तुम् इच्छसि - तू अब कहाँ जाना चाहता है ?
2. अहमद्य उपदेशं श्रोतुं गच्छामि - मैं आज उपदेश सुनने के लिए जाता हूँ ।
1. अहम् इदानीम् । 2. श्रुतम् अस्ति । 3. अहम् अद्य ।